Panchang 1 April 2025: चैत्र नवरात्रि पर आज करें मां कूष्मांडा की पूजा, रोग, कष्ट होंगे दूर
चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Panchang 1 April 2025: आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है। आज मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कूष्मांडा की उपासना करने से भक्तों के रोग, कष्ट और शोक समाप्त हो जाते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक मां कूष्मांडा को अष्टभुजा से युक्त देवी माना गया है, जिनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जप माला सुशोभित रहते हैं। मां सिंह पर विराजमान होती हैं और शक्ति, समृद्धि व शांति की प्रतीक मानी जाती हैं।
मां कूष्मांडा की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इनकी आराधना करने से आयु, यश, बल और समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। पूजा के लिए स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजन स्थल को शुद्ध करें। मां की प्रतिमा स्थापित कर जल और पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें वस्त्र, पुष्प, माला और आभूषण अर्पित करें। विशेष रूप से, कद्दू (कुम्हड़ा) का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। मां को सफेद चीजों का भोग लगाना भी लाभकारी होता है।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडा देवी नमः"
या
"या देवी सर्वभूतेषु मां कुष्मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।"
अंत में मां की आरती उतारें और दीप, धूप एवं गंध अर्पित करें।
Panchang 1 April 2025: राष्ट्रीय मिति चैत्र 11, शक संवत 1946
चैत्र शुक्ल, चतुर्थी, मंगलवार, विक्रम संवत् 2082
अंग्रेजी तिथि 01 अप्रैल 2025
सौर मास चैत्र मास प्रविष्टे 19
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल
ऋतु बसंत ऋतु
राहुकाल अपराह्न 03:00 से 04:30 बजे तक
तिथि चतुर्थी 02:33 AM तक उपरांत पंचमी प्रारंभ
नक्षत्र भरणी 11:07 AM तक उपरांत कृतिका प्रारंभ
योग विष्कुंभ 09:48 AM तक उपरांत प्रीति प्रारंभ
विजय मुहूर्त 02:30 PM से 03:20 PM तक
निशीथ काल 12:01 AM से 12:48 AM तक
गोधूलि बेला 06:38 PM से 07:01 PM तक
करण वणिज 04:08 PM तक उपरांत बव प्रारंभ
चंद्रमा की स्थिति मेष राशि में 04:30 PM तक उपरांत वृष राशि में
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।