Haryana Fake BPL Case : हरियाणा में फर्जी गरीबों पर एक्शन... 20 अप्रैल तक फर्जी बीपीएल खुद कटवाएं नाम, फिर होगी FIR दर्ज
चंडीगढ़, 2 अप्रैल (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Haryana Fake BPL Case : हरियाणा के उन परिवारों को सरकार ने एक मौका दिया है, जो फर्जी तरीके से या फिर गलती की वजह से बीपीएल कैटेगरी में शामिल हो गए हैं। बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने परिवार पहचान-पत्र में अपनी सालाना आय कम दर्शाई है। ऐसे परिवार अब 20 अप्रैल तक पीपीपी में अपनी आय ठीक करवा सकेंगे। इसके बाद सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी। फर्जीवाड़ा मिलने पर एफआईआर भी दर्ज हो सकती है।
सरकार उन सभी परिवारों को बीपीएल कैटेगरी से बाहर करेगी, जो नियमों के विरुद्ध जाकर गरीबों के लिए शुरू की गई योजना का लाभ उठा रहे हैं। हरियाणा सरकार बीपीएल के लिए तय सालाना आय की शर्तों में बदलाव कर चुकी है। केंद्र के नियमों के तहत सालाना 1 लाख 20 हजार रुपए तक आय वाले परिवार ही बीपीएल कैटेगरी में शामिल हो चुके हैं। वहीं हरियाणा में पूर्व की मनोहर सरकार के समय ही आय लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपए कर दिया गया था।
इस वजह से हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या दोगुणा से भी अधिक हो गई। केंद्र की मोदी सरकार बीपीएल परिवारों को अगले पांच वर्षों के लिए मुफ्त राशन देने का ऐलान पहले ही कर चुकी है। इस वजह से भी हरियाणा में लोगों ने फर्जी तरीके से खुद को बीपीएल कैटेगरी में शामिल करवाया है। विधानसभा के हालिया बजट सत्र में भी यह मुद्दा उठ चुका। सीएम नायब सिंह सैनी ने गलत बीपीएल परिवारों को अपने नाम कटवाने और पीपीपी में आय ठीक करवाने के लिए एक माह का समय दिया हुआ है।
हालांकि सरकार की ओर से ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करना भी शुरू कर दिया है, जिनको लेकर रिपोर्ट आ रही है। पहली मार्च से पहली अप्रैल तक के एक माह में ही 1609 परिवारों के नाम बीपीएल लिस्ट से काटे हैं। फिलहाल सरकार 20 अप्रैल तक का इंतजार करेगी। इस दौरान खुद बीपीएल कैटेगरी से बाहर होने वाले परिवारों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी। 20 अप्रैल के साथ सत्यापन के आधार पर सरकार एक्शन लेगी। केस दर्ज होने पर दो साल तक सजा का प्रावधान भी कानून में है।
करीब 52 लाख परिवार लिस्ट में
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से वर्तमान में बीपीएल सूची में 51 लाख 92 हजार 380 परिवार शामिल हैं। विभाग ने विभिन्न जिलों से 1609 के नाम काटे हैं। इनमें अंबाला में 36, भिवानी में 106, दादरी में 12, फरीदाबाद में 20, फतेहाबाद में 82, गुरुग्राम में 84, हिसार में 145, झज्जर में 73, जींद में 75, कैथल में 40, करनाल में 73, कुरुक्षेत्र में 175, महेंद्रगढ़ में 38, नूंह में 17, पलवल में 46, पंचकूला में 3, पानीपत में 49, रेवाड़ी में 39, सिरसा में 73, सोनीपत में 294 तथा यमुनानगर जिला में 90 परिवार शामिल हैं।