Haryana News: पुनीत शर्मा की फिल्म को हरियाणा फिल्म महोत्सव में द्वितीय पुरस्कार, गीता के संदेशों को किया उजागर
नरवाना, 6 अप्रैल (नरेंद्र जेठी/निस)
नरवाना उपमंडल के गांव भाणा ब्राह्मणा के रहने वाले फिल्म निर्देशक पुनीत शर्मा ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'गीता जयंती - कुरुक्षेत्र की विरासत' के माध्यम से न केवल क्षेत्र का बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है। रोहतक में विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित हरियाणा फिल्म महोत्सव में उनकी फिल्म को प्रोफेशनल कैटेगरी में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह सम्मान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हाथों प्रदान किया गया।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल कौशिक, रोहतक के मेयर रामअवतार वाल्मीकि, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, उद्योगपति राजेश जैन, प्रो. सीताराम व्यास, और विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष डॉ. मार्कण्डेय आहुजा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
करीब 16 मिनट 50 सेकंड की इस डॉक्यूमेंट्री में कुरुक्षेत्र में मनाई जाने वाली गीता जयंती के ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को खूबसूरती से दर्शाया गया है। फिल्म में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों की प्रासंगिकता को आज के समय में भी प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया है।
पुनीत शर्मा ने दैनिक ट्रिब्यून से विशेष बातचीत में बताया कि यह डॉक्यूमेंट्री गीता के दिव्य संदेशों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का एक प्रयास है। फिल्म में विशेषज्ञों के साक्षात्कार, ऐतिहासिक दृश्य पुनर्निर्माण और कुरुक्षेत्र के पवित्र स्थलों के माध्यम से धर्म, कर्तव्य, भक्ति और योग जैसे विषयों को जीवंत किया गया है।
पुनीत शर्मा ने अपनी टीम के सभी सदस्यों, निर्देशकों, लेखकों, संपादकों और दर्शकों का आभार जताया, जिनके सहयोग से यह उपलब्धि संभव हो सकी।
कार्यक्रम में निर्देशक भरत अंटिल की फिल्म ‘इति-रागिनी’ को प्रथम पुरस्कार और ‘मैं हूं रनर’ को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
पुनीत शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फिल्म जगत को बढ़ावा देने और कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए 2 चरणों में फिल्म सिटी बनाने की जो बात की है, वह बहुत बढिया है, इससे सिनेमा जगत से जुड़े कलाकारों को न केवल फायदा बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इसके अलावा फिल्म जगत से जुड़े कलाकारों की मांगों पर आश्वासन दिया है, जिसमें दूरदर्शन पर हफ़्ते में एक बार हरियाणवी फ़िल्म का प्रदर्शन, साथ ही, दादा लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स (सुपवा) को हरियाणा के प्रत्येक विश्वविद्यालय में फ़िल्म मेकिंग कोर्स शुरू करने, हर स्कूल में थिएटर एजुकेशन शुरू शामिल है, ये सब हो जाता है, तो कलाकारों के लिए अनेकों रास्तें खुलेंगे।