अगले 20 दिन गंभीरता से काम करें अधिकारी, कर्मचारी
करनाल, 12 अक्तूबर (हप्र)
पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए कृषि विभाग-प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी है। नतीजतन पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई हैं। धान के पीक सीजन में भी पराली जलाने की घटनाएं न हों, इसे देखते हुए डीसी ने फील्ड में उतारे गए अधिकारियों-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगले 20 दिनों तक सभी गंभीरता से काम करें, हर गांव की माइक्रो मॉनीटरिंग की जाए। अवकाश के दिनों में भी अधिकारी-कर्मचारी फील्ड में डयूटी दें। ये बातें डीसी अनीश यादव ने डा. मंगलसेन सभागार में आयोजित बैठक के दौरान कही। इस बार पूरा फोकस पराली जलाने की घटनाओं को रोकना है। अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को शून्य करें ताकि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने मे करनाल अग्रणी जिला बन सके। मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हर साल निकलता है 7.65 लाख मीट्रिक टन फसल अवशेष: जिला में 4 लाख 25 हजार एकड़ जमीन में 7 लाख 65 हजार मीट्रिक टन फसल अवशेष प्राप्त होता है। करनाल जिला से दो लाख मीट्रिक टन पराली की गाठें आईओसीएल की पानीपत रिफाइनरी को सप्लाई की जायेंगी जबकि पानीपत जिला से 14 हजार मीट्रिक टन गांठों की आपूर्ति होगी। उपायुक्त ने बताया कि इन-सीटू (फसल अवशेष को खेतों में मिलाना) के लिये जिला में 75 सौ मशीनें उपलब्ध हैं। एक्स सीटू प्रबंधन के लिये 300 बेलर भी उपलब्ध हैं। इनसे करीब एक लाख 80 हजार एकड़ में फसल अवशेष का प्रबंधन किया जाएगा।
पराली जलाने पर रोक लगाने में आगे आएं : उप निदेशक कृषि
कृषि विभाग के उप-निदेशक डा. वजीर सिंह ने बैठक के दौरान कहा कि आमजन पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने में आगे आएं और सहयोग करें। उन्होंने कहा पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की बजाए बेहतर सुधार आया है।
किसान कर रहे सहयोग : रतनमान
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने बताया कि किसानों ने संकल्प लिया है कि वे किसी भी सूरत में पराली में आग नहीं लगाएंगे। किसान भी नहीं चाहता कि वे पराली में आग लगाएं। किसान फसल अवशेष प्रबंधन करने में जुटा है, नतीजन पराली जलाने की घटनाओं में बहुत कमी आई है।
फतेहाबाद में पराली जलाने के मामले बढ़े
फतेहाबाद (हप्र) : जिले में पराली जलाये जाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रशासन कितने भी दावे कर ले मगर, इन पर अंकुश लगाना तो दूर मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक पराली जलाने की घटनाओं में लगभग दुगुना इजाफा हुआ है। पराली जलाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन अब सख्ती के मूड में नजर आ रहा है और उन टीमों के अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है, जिन्हें आगजनी की घटनाओं को रोकने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। कृषि विभाग के उपनिदेशक राजेश सिहाग ने बताया कि सैटेलाईट के माध्यम से उन्हें अब तक आगजनी की 46 लोकेशन प्राप्त हुई हैं, कल ही 6 लोकेशन मिली थी। इसके आधार पर संबंधित 22 किसानों से लगभग 55 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया है।
एसडीएम ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
नरवाना (निस) : एसडीएम अनिल कुमार दून ने स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में एक अहम बैठक बुलाई । बैठक में एसडीएम श्री अनिल कुमार दून ने क्षेत्र में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ प्रशासनिक अमले को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बृहस्पतिवार को आयोजित अधिकारियों की विशेष बैठक में एसडीएम दून ने कहा कि अवशेष प्रबंधन न करने वाले तथा पराली जलाने वाले किसानों एवं उनके परिजनों के साथ पुलिस प्रशासन एवं अन्य विभागीय अधिकारी कोई ढील न बरतें। आगजनी की लोकेशन तुरंत जांचें और दोषी किसान के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएं। ऐसे किसानों के तुरंत प्रभाव से चालान काटे और जुर्माना लगाएं। कृषि राजस्व विभाग के अधिकारी, पटवारी, ग्राम सचिव संबंधित इलाकों में कड़ी नजर रखें। एसडीएम दून ने यह भी निर्देश दिए है कि संबंधित गांवों के नंबरदार तथा चौकीदार मौके पर जरूर रहे। बैठक में डीएसपी अमित भाटिया, बीईओ ज्योति श्योकंद, नायब तहसीलदार सुरेंद्र भारद्वाज सहित हलका पटवारी व ग्राम सचिव मौजूद रहे।