साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार
नयी दिल्ली, 22 मार्च (एजेंसी)
प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2024 के लिए 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। भारतीय ज्ञानपीठ के बयान के मुताबिक, शुक्ल हिंदी के 12वें साहित्यकार और छत्तीसगढ़ के पहले लेखक हैं, जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।
बयान के मुताबिक, प्रसिद्ध कथाकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता में हुई प्रवर परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में चयन समिति के अन्य सदस्य के रूप में माधव कौशिक, दामोदर मावजो, प्रभा वर्मा और डॉ. अनामिका, डॉ ए. कृष्णा राव, प्रफुल्ल शिलेदार, जानकी प्रसाद शर्मा और ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसूदन आनंद शामिल थे। लेखक, कवि और उपन्यासकार शुक्ल (88 वर्ष) की पहली कविता 1971 में ‘लगभग जयहिंद’ शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। उनके प्रमुख उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार के तहत 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
‘कभी नहीं लगा कि पुरस्कार मिलेगा’
रायपुर : पुरस्कार की घोषणा के बाद शुक्ल ने कहा, ‘यह भारत का, साहित्य का एक बहुत बड़ा पुरस्कार है। इतना बड़ा पुरस्कार मिलना मेरे लिए खुशी की बात है। कभी नहीं लगा कि यह पुरस्कार मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘हमेशा लिखते रहने की कोशिश करता हूं। बच्चों के लिए लिखना अच्छा लगता है। अब तो लेटे रहने की जिंदगी ज्यादा है।’