Haryana News: बिजली के दामों में बढ़ोतरी के साथ वंचितों, किसानों व एफपीओ को राहत
दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 2 अप्रैल
Haryana News: हरियाणा की नायब सरकार द्वारा हालिया बजट में की गई एक और बड़ी घोषणा को पूरा कर दिया गया है। मशरूम खाद और बीज, हाईटेक हाइड्रोपोनिक्स व एरोपोनिक्स तथा एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) द्वारा बनाए जाने वाले कोल्ड स्टोर्स को सस्ती दरों पर बिजली मिलेगी। हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने इसके लिए एक नये कैटेगरी बनाई है। वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस संदर्भ में घोषणा की थी।
अभी तक कोल्ड स्टोर के लिए 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें तय थी। कोल्ड स्टोर संचालकों को राहत देते हुए नई कैटेगरी में आयोग ने 20 किलोवाट तक लोड वाले कोल्ड स्टोर के लिए 4 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली के रेट तय किए हैं। वहीं इससे अधिक के लोड वाले कोल्ड स्टोर संचालकों को 6 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होगा। सरकार ने टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए बजट में इसकी घोषणा की थी।
हरियाणा की बिजली कंपनियों की ओर से आयोग के पास एआरआर (सालाना वित्तीय जरूरत) के लिए 45 हजार 978 करोड़ 93 लाख रुपये की डिमांड की थी। बिजली कंपनियों को होने वाली सालाना आय और जरूरत में 4 हजार 520 करोड़ रुपये का गेप था। आयोग ने 16 जनवरी को जनसुनवाई की और इस दौरान आपत्तियां व सुझाव लिए गए। इसके बाद 19 फरवरी को स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी हुई।
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आयोग की टीम ने गेप को लेकर अपने स्तर पर जांच की। मूल्यांकन करने के बाद पूरी रिपोर्ट तैयार की गई। बिजली निगमों के दावे को खारिज करते हुए आयोग ने गेप को 4520 करोड़ रुपये से घटाकर 3262 रुपये कर दिया। यानी प्रदेश के 81 लाख 32 हजार 588 उपभोक्ताओं पर रेटों में बढ़ोतरी के चलते 3262 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। अगर आयोग द्वारा स्वत: इस मामले में रिपोर्ट तैयार ना की जाती तो यह बोझ 4520 करोड़ रुपये का होना था।
किसानों को 6718 करोड़ की राहत
हरियाणा की नायब सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। नलकूप कनेक्शन के लिए बिजली सब्सिडी पर पहले की तरह मिलती रहेगी। नलकूप कनेक्शन के लिए 6 रुपये 48 पैसे यूनिट से रेट बढ़ाकर 7 रुपये 35 पैसे किया गया है लेकिन किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट में ही बिजली मिलेगी। यानी बाकी के 7 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से राज्य सरकार निगमों को सब्सिडी के तौर पर देगी। सब्सिडी से ही सालाना किसानों को 6 हजार 718 करोड़ की राहत मिलेगी। इतना ही नहीं, नये टैरिफ में 15 हॉर्स पावर तक की मोटर के लिए तय 200 रुपये प्रतिवर्ष फीक्स राशि को घटाकर 180 रुपये तथा 15 हॉर्स पावर से अधिक की मोटर के लिए 144 रुपये सालाना कर दिया है।
पावर कॉस्ट बढ़ने से पड़ा बोझ
आयोग चेयरमैन नंदलाल शर्मा व सदस्य मुकेश गर्ग ने 323 के फैसले में बिजली कंपनियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। पावर परचेज और पावर सप्लाई कॉस्ट बढ़ने पर भी आयोग ने सवाल उठाए हैं। पिछले साल प्रति यूनिट पावर सप्लाई कॉस्ट 6 रुपये 48 पैसे थी, जो अब 7 रुपये 35 पैसे हो गई है।
इसी तरह से पावर परचेज कॉस्ट 4 रुपये 85 पैसे प्रति यूनिट से बढ़कर 5 रुपये 58 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। आयोग ने सिफारिश की है कि बिजली कंपनियां बैंकिंग सिस्टम बनाएं। पहाड़ी राज्यों से गर्मियों में बिजली लेने और सर्दियों में बिजली आपूर्ति करने के एग्रीमेंट करें। गर्मियों में पहाड़ों में कम और सर्दियों में बिजली की डिमांड अधिक रहती है। वहीं हरियाणा में इसके अलट होता है।
ग्रीन एनर्जी पर जाना ही होगा
आयोग ने दो-टूक कहा है कि थर्मल पावर से काम नहीं चलने वाला। उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे बिजली डिमांड बढ़ना भी स्वभाविक है। ऐसे में बिजली कंपनियों को ग्रीन एनर्जी पर जाना होगा। ग्रीन एनर्जी सस्ती पड़ती है। पंजाब की सरकार ने नहरों, शामलात जमीनों व सरकारी भवनों पर सोलर प्लांट स्थापित किए हैं। हरियाणा में भी काफी नहरें हैं।
नहरों, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, सरकार भवनों आदि पर सोलर प्लांट लगाने के सुझाव निगमों को दिए हैं। साथ ही, हाइड्रो पावर प्लांट बढ़ाने की सिफारिश की गई है। फैसले में कहा गया है कि हरियाणा की कंपनियों को ना केवल परफोरमेंस में सुधार करने की जरूरत है बल्कि भविष्य के लिए कारगर रणनीति बनानी होगी।
फ्लैट वालों को सस्ती बिजली
घरेलू उपभोक्ताओं के मामले में भी बिजली की दरें अलग-अलग हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत व पंचकूला सहित बड़े शहरों में फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को बिजली सस्ती मिलती है। दरअसल, ऐसी जगहों पर ब्लक सप्लाई के लिए अलग से टैरिफ बनाया हुआ है। ब्लक सप्लाई यानी सिंगल मीटर सिस्टम के लिए फ्लैट्स/निर्मित फ्लैट्स में 800 यूनिट प्रतिमाह प्रति फ्लैट इस्तेमाल करने पर पहले 5 रुपये 25 पैसे की दरें थी। इसे बढ़ाकर अब 5 रुपये 80 पैसे किया है।
वहीं 800 यूनिट से अधिक मासिक इस्तेमाल करने के लिए टैरिफ को 6 रुपये 20 पैसे से बढ़ाकर 6 रुपये 60 पैसे प्रति यूनिट किया है। वहीं आम घरों में अब 501 से 1000 यूनिट तक मासिक इस्तेमाल पर 7 रुपये 15 पैसे और 1000 यूनिट से अधिक इस्तेमाल पर 7 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट रेट तय किए हैं।
सरकारी विभागों के लिए पुरानी दरें
आयोग ने ब्लक सप्लाई लेने वाले सरकारी विभागों – पब्लिक हेल्थ, सिंचाई विभाग, नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका आदि के लिए तय दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। उन्हें पिछले वर्ष की तरह आगे भी 7 रुपये 35 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से आपूर्ति की जाएगी। उनके लिए लोड के हिसाब से मासिक फिक्स चार्ज में भी बढ़ोतरी नहीं की है। सिंचाई विभाग नहरों में पानी पंपिंग के लिए तो पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट जलापूर्ति के लिए पावर खरीदता है। इसी तरह से स्थानीय निकायों द्वारा शहरों में स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली खरीदी जाती है। मेट्रो व रेलवे के लिए होने वाली सप्लाई के लिए एचटी (हाई-टेंशन) के लिए तय दरें लागू रहेंगी।
गरीब परिवारों को राहत भी
बेशक, बिजली की दरों में आयोग ने 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी की है लेकिन गरीब परिवारों को इस बढ़ोतरी के बाद भी थोड़ी राहत मिली है। पहले 0 से 50, 51 से 100, 0 से 150 तथा 151 से 250 यूनिट तक के अलग-अलग स्लैब के लिए 2 किलोवाट तक के लोड पर 115 रुपये तथा इससे अधिक के लोड पर 70 और 75 रुपये प्रति किलोवाअ के हिसाब से फिक्स चार्ज लगता था।
सरकार ने फिक्स लोड को खत्म कर दिया है। नये टैरिफ में 0 से 50, 51 से 100, 0 से 150 तथा 151 से 300 यूनिट तक मासिक इस्तेमाल वाले उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज खत्म कर दिया है। वहीं 301 से 500 यूनिट तक के इस्तेमाल पर 50 रुपये प्रति किलोवाट और 500 से अधिक यूनिट के इस्तेमाल करने पर भी 50 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से फिक्स चार्ज देना होगा। इसमें भी आयोग ने कटौती की है।
अहम बिंदु
- एचईआरसी ने कुल 323 का फैसला सुनाया
- जनसुनवाई के बाद बिजली दरों पर हुआ फैसला
- बिजली कंपनियों को परफोरमेंस सुधारने की नसीहत
- ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की फैसले में सिफारिश
- किसानों को पहले ही तरह मिलती रहेगी सब्सिडी
- बिजली कंपनियों का एटीएंडसी लॉस 10 प्रतिशत
- घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए तीन कैटेगरी
- 78 प्रतिशत उपभोक्ता 2 किलोवाट तक लोड वाले
- 16 प्रतिशत के पास 2 से 5 किलोवाट तक का लोड
- केवल 6 प्रतिशत उपभोक्ता 5 किलोवाट से अधिक वाले
- गरीब परिवारों को दो रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी देगी सरकार
- इंडस्ट्री के लिए बढ़ाई दरें, पड़ोसी राज्यों से फिर भी कम
- पिछले सात वर्षों से टैरिफ में नहीं हुआ कोई बदलाव
- आयोग ने सप्लाई लॉस को घटाकर 10 प्रतिशत किया
- निगमों को 6 माह में करना होगा आपूर्ति लागत का अध्ययन
- पीएम सूर्यघर योजना को सरल बनाने की सिफारिश की
- फीडर व ट्रांसफार्मर के नुकसान को कम करने की नसीहत
पहली अप्रैल से लागू हुआ यह टैरिफ
यूनिट दरें (रु. में) फिक्स चार्ज
0-50 2.20 जीरो
51-100 2.70 जीरो
(यह स्लैब 2 किलोवाट तक लोड पर लागू रहेगा)
0-150 2.95 जीरो
151-300 5.25 जीरो
301-500 6.45 50 रुपये प्रति किलोवाट
500 से अधिक 7.10 50 रुपये प्रति किलोवाट
(यह स्लैब 5 किलोवाट तक लोड के लिए बनाया है)
0-500 6.50 75 रुपये प्रति किलोवाट
501-1000 7.15 75 प्रति किलोवाट
1000 से अधिक 7.50 75 रुपये प्रति किलोवाट
(यह स्लैब 5 किलोवाट से अधिक के लोड पर लागू है)