पूर्व डीजीपी सैनी रिहा,हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को बताया गैरकानूनी
चंडीगढ़, 20 अगस्त (एजेंसी)
पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को तड़के सतर्कता ब्यूरो की हिरासत से रिहा कर दिया गया। हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया। न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी की अदालत ने बृहस्पतिवार रात को सैनी को रिहा करने का आदेश दिया। राज्य के सतर्कता ब्यूरो ने धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य अपराधों के लिए सितंबर 2020 में दर्ज एक मामले के संबंध में बुधवार रात को सैनी को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मोहाली अदालत परिसर में मौजूद सैनी को रिहा कर दिया गया। सैनी देर रात करीब दो बजे मोहाली अदालत परिसर से रवाना हुए। पूर्व डीजीपी को रिमांड के लिए बृहस्पतिवार को दोपहर साढ़े 12 बजे मोहाली की एक अदालत में पेश किया गया था। वह 12 घंटे से अधिक समय तक वहां रहे। अदालत ने कहा कि सैनी की गिरफ्तारी गैरकानूनी और अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने 11 अक्तूबर 2018 को दिए आदेश में कहा था कि सैनी के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से पहले उन्हें सात दिन का नोटिस दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2020 को दिए आदेश में सैनी के पूरे करियर के दौरान की किसी भी घटना से जुड़े मामले में गिरफ्तारी से पहले सात दिन का नोटिस देने का निर्देश दिया था।
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अगर उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जाता है तो सात दिन पहले नोटिस दिया जाएगा। यह आदेश दो याचिकाओं पर आया है जिसमें से एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका थी और एक अन्य मामले में हाईकोर्ट के पिछले साल के आदेश के अनुसार संरक्षण मांगा गया। 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी सैनी को 2012 में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया। उन्हें धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की कई घटनाओं को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद 2015 में इस पद से हटा दिया गया। वह 2018 में सेवानिवृत्त हो गए। सैनी को बुधवार रात को गिरफ्तार किया गया जब वह आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में जांच में शामिल होने के लिए मोहाली में सतर्कता ब्यूरो के मुख्यालय में पहुंचे थे। हाईकोर्ट ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में सैनी को 12 अगस्त को अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी। हालांकि अदालत ने उन्हें एक हफ्ते के भीतर जांच में शामिल होने के लिए कहा था।
मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने की महाधिवक्ता और गृह सचिव को हटाने की मांग
धोखाधड़ी के एक मामले में प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदशेक सुमेध सैनी की रिहाई के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश बाद राज्य सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को राज्य के महाधिवक्ता, गृह सचिव और सतर्कका ब्यूरो के मुख्य निदेशक को उनकी ‘पेशेवर अक्षमता’ के कारण हटाने की मांग की। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने रंधावा की टिप्पणियों पर जवाब देते हुये कहा कि मंत्रियों एवं पार्टी नेताओं से किसी तरह का बयान देने से पहले ‘तथ्यों की जांच’ कर लेनी चाहिए। हाईकोर्ट ने सैनी की रिहाई के आदेश दिये थे जिन्हें भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी एवं अन्य मामलों में गिरफ्तार किया गया था । रंधावा ने ट्वीट कर कहा, ‘सुमेध सैनी के मामले में विफलता को देखते हुये मैं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से एडवोकेट जनरल, गृह सचिव और सतर्कता ब्यूरो के मुख्य निदेशक को उनकी व्यवसायिक अक्षमता को देखते हुये तत्कालन हटाने की मांग करता हूं।’ जेल मंत्री ने अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को भी टैग किया है। रंधावा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुये मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को किसी भी मसले पर खास तौर से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक बयान देने से पहले उनके साथ अथवा पार्टी मंच पर चर्चा करने की सलाह दी है।