Farmers Problems : हुड्डा ने भाजपा पर कसा तंज, कहा - किसानों को लूटना और बेवजह परेशान करना बनी बीजेपी की तय नीति
चंडीगढ़ 1 अप्रैल
Farmers Problems : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसानों को लूटना और उनको बेवजह परेशान करना, बीजेपी की नीति बन गई है। हर एक सीजन में जानबूझकर फसल खरीद शुरू करने में देरी की जाती है और तय की गई तारीख से भी खरीद शुरू नहीं की जाती।
मंडियों में ना बारदाने की व्यवस्था होती और ना ही उठान की, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। हर बार उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए कई-कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। ज्यादातर किसानों को प्राइवेट एजेंसी को एमएसपी से बेहद कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। हुड्डा ने कहा कि सरकार ने 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने का ऐलान किया है लेकिन हमेशा की तरह कहीं उठान के लिए टेंडर नहीं किए गए तो कहीं अढ़तियों को बारदाना तक नहीं दिया गया
उन्होंने कहा कि उठान नहीं होने के चलते हर बार मंडियों में फसल का अंबार लग जाता है। किसानों को अपनी फसल रखने की जगह तक नहीं मिलती। इतना ही नहीं उठान में देरी के चलते किसानों की पेमेंट में भी देरी होती है। सरकार जानबूझकर सैंकड़ों करोड रुपए की पेमेंट पर कुंडली मारकर बैठ जाती है। लेकिन किसानों से एक-एक मिनट का ब्याज लेने वाली सरकार, कई-कई दिन और कई-कई महीनो तक पेमेंट में देरी के बावजूद किसानों को एक पैसा भी ब्याज नहीं देती।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसबार भी बीजेपी सरकार द्वारा फसल की खरीद और किसानों की सुविधा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा। पानीपत की किसी भी मंडी और खरीद केंद्र में अभी तक उठान के लिए टेंडर तक नहीं हुआ। मंडी की सफाई भी आधी-अधूरी पड़ी हुई है। किसानों को पीने लायक पानी की सप्लाई करने वाला वाटर कूलर भी खराब पड़ा हुआ है। जींद में भी उठान के लिए टेंडर नहीं हुआ और ज्यादातर वाटर कूलर खराब पड़े हुए हैं।
फतेहाबाद में भी लोडिंग-अनलोडिंग का टेंडर फाइनल नहीं हो सका है। सिरसा में उठान के लिए लेबर तक का टेंडर नहीं हुआ। कुरुक्षेत्र में श्रम और ढुलाई का टेंडर अभी तक पेंडिंग है। करनाल में एजेंसियों के पास बारदाना पहुंच चुका है लेकिन आढ़तियों को अभी तक नहीं मिला। अंबाला में ना बारदाने की व्यवस्था है और ना ही लाइट की। यमुनानगर में तो कई जगह बिजली की तारें लटकी हुई है और साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रही है।
कैथल में तो हालात इतने खराब है कि अभी तक अनाज मंडी के फड़ों और शेड के नीचे धान का स्टॉक पड़ा हुआ है। ऐसे में गेहूं को लेकर आने वाले किसान किसानों को अपनी फसल उतारने में परेशानी होगी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार अपनी हरकतों से बाज आए और किसानों को पेश आ रही असुविधाओं का संज्ञान ले। सरकार को खरीद, उठान और भुगतान में किसी भी तरह की देरी का जवाब देना पड़ेगा।