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कर्नल बाठ पर हमले की जांच अब चंडीगढ़ पुलिस करेगी, High Court ने दिए आदेश

12:12 PM Apr 03, 2025 IST

ट्रिब्यून न्यूज़ सर्विस, चंडीगढ़, 3 अप्रैल

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Colonel Bath assault case: कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ व उनके बेटे से मारपीट मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस करेगी। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इसके आदेश जारी किए हैं। कर्नल बाठ ने मामले की जांच CBI या किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

न्यायमूर्ति हरप्रीत सिंह बराड़ ने स्पष्ट किया कि जांच में पंजाब पुलिस कैडर का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं होगा। सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि वह आदेश सहमति के आधार पर चाहती है या गुण-दोष के आधार पर। साथ ही, जांच को चंडीगढ़ पुलिस को सौंपे जाने को लेकर सरकार की सहमति भी मांगी गई।

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इस मामले में पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील रणदीप सिंह राय ने पक्ष रखा। इससे पहले यह मामला न्यायमूर्ति संदीप मौदगिल की पीठ के समक्ष रखा गया था, जिन्होंने पंजाब पुलिस के आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने राज्य सरकार से यह भी पूछा था कि क्या आरोपी पुलिस अधिकारियों को सिर्फ निलंबित कर देना और चार इंस्पेक्टरों का तबादला करना पर्याप्त कार्रवाई मानी जा सकती है?

न्यायमूर्ति मौदगिल ने यह भी कहा था कि पुलिसकर्मियों का निलंबन प्रशासनिक कार्रवाई का हिस्सा हो सकता है, लेकिन FIR दर्ज होने के बावजूद विशेष जांच दल (SIT) ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

क्या है पूरा मामला?

कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय में एक संवेदनशील पद पर तैनात हैं। उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि 13-14 मार्च की रात पटियाला में पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों और उनके सशस्त्र अधीनस्थों ने बिना किसी उकसावे के उन पर और उनके बेटे पर बर्बरतापूर्वक हमला किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनका आधिकारिक आईडी कार्ड और मोबाइल फोन छीन लिया तथा फर्जी एनकाउंटर की धमकी दी। यह पूरा घटनाक्रम सार्वजनिक रूप से और सीसीटीवी की निगरानी में हुआ।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि स्थानीय पुलिस ने इतने गंभीर अपराध के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। उनकी फरियाद को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किया गया। यहां तक कि उनकी शिकायत पर FIR दर्ज करने के बजाय, पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक तृतीय-पक्ष शिकायत के आधार पर झगड़े (affray) की फर्जी FIR दर्ज कर दी।

कर्नल बाठ के परिवार को राज्य के उच्च पुलिस अधिकारियों और यहां तक कि पंजाब के राज्यपाल से संपर्क करना पड़ा, जिसके बाद आठ दिन बाद एक नई FIR दर्ज की गई। अब इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस को सौंप दी गई है।

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