मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

बदलते मौसम में कवच बनेंगी आपकी स्वस्थ आदतें

08:45 AM Sep 17, 2024 IST

दीप्ति अंगरीश
आजकल मिला-जुला सा मौसम है, धूप-छांव सा। कभी तेज धूप, गर्मी और उमस, तो कभी बादलों से घिरा आकाश और बारिश की टिप-टिप। कभी बारिश के साथ ठंडी हवाएं मन को प्रफुल्लित कर देती हैं तो कभी घर के भीतर घुटन महसूस होती है। आश्विन माह की शुरुआत तक भी बारिशें नहीं थमीं। यह सर्द-गर्म सा मौसम भोजन, पानी और वायु जनित सभी प्रकार के संक्रमण होने के लिए भी जाना जाता है। ऐसे बदलते मौसम में जरूरी है खुद के साथ ही परिवार को भी इन संक्रमणों से सुरक्षित रखा जाये। खासकर बच्चों को इन बीमारियों के प्रति सावधान रहने के लिए जागरूक करना ज्यादा जरूरी है। कुछ एहतियात व अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाकर इस मौसम के दौरान होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।
जलजनित रोगों का जोखिम
इस मौसम में जलजनित रोग जैसे कि हेपेटाइटिस ए, टायफॉइड,कॉलेरा, लूज मोशन और लेप्टोस्पाइरोसिस आदि का खतरा अधिक होता है। अधिकतर लोगों को संक्रमण के इन कारकों की जानकारी नहीं होती है। लेप्टोस्पाइरोसिस एक ऐसा संक्रमण है जो लेप्टोस्पाइरा कीटाणुओं से होता है जो चूहे के यूरिन में पाये जाते हैं। किसी तालाब में नंगे पैर चलने, पांव में चोट लगने या जख्म होने से इंसान इसकी चपेट में आ सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप गुर्दे या यकृत रोगों की संभावनाएं होती हैं। दरअसल मानसून में दूषित पानी पीना आम बात है, क्योंकि अधिकांश पानी की पाइप लाइनें निचले इलाकों से गुजरती हैं और उनमें लीकेज की संभावना होती है, जिनका पता नहीं चलता है। वहीं काफी दिनों से थमे हुए पानी के कारण मच्छरों का प्रजनन होता है, जिससे रोगी के शरीर के तापमान में तेजी से वृद्धि और गिरावट के साथ मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसे संक्रामक रोग होते हैं। तापमान बदलने, जल प्रदूषण और जल जमाव आदि के साथ, मानसून कई तरह के वायरल संक्रमणों को भी आमंत्रित करता है। सर्दी, जुकाम, तेज बुखार होने के अलावा, एच1एन1, जो स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, वह भी संक्रामक है और मौसमी फ्लू की तरह ही फैलता है। हालांकि, थोड़ी सी सावधानी बरतने से, इस मौसम में रोगों से बचा जा सकता है।
जीवनचर्या में कुछ नियमों को करें शामिल
हमें खुद और अपने परिवार के लिए इस मौसम में पूरे जीवनचर्या , खुराक व पेयजल आदि को लेकर कुछ मूलभूत नियमों पर ध्यान देने की जरूरत है। जानिये इस मौसम में संक्रामक रोगों से बचने के लिए क्या-क्या सावधानियां अपनानी चाहिये।

Advertisement


स्ट्रीट फूड को पूरी तरह नकारें
मानसून आपको भजिया, वड़ापाव, भेल, पानीपुरी, चाट आदि कई स्ट्रीट फूड खाने के लिए प्रेरित करता है और आपकी इच्छा बढ़ाता है। यदि आपको स्ट्रीट फूड खाना अच्छा लगता है, तो मानसून के मौसम में ये खाने से बचें। उन्हें घर पर ही स्वच्छ व स्वास्थ्य कारक वातावरण में बनाकर खाने का प्रयास करें।
बाहर के पानी और बर्फ का प्रयोग
जहां तक संभव हो सके तो उबला हुआ, बोतल में पैक और प्युरिफाइड पानी पिएं। इस तरह के ही पानी से तैयार किए गए बर्फ का ही इस्तेमाल कीजिए। उबले हुए पानी के अलावा किसी अन्य पानी से तैयार किए गए पेय पदार्थों का सेवन न करें और न ही बर्फ डालें, भले ही वह आपकी पसंद के अनुसार ठंडा न हो। स्वच्छता न अपनाने वाले दुकानदारों व स्ट्रीट वेंडर्स से खरीदकर जूस, छाछ, नींबू व शर्बत आदि का सेवन न करें।
टीकाकरण
यदि हम टीकाकरण करवाते हैं, तो कुछ संक्रमणों का उपचार संभव है और इसमें अधिक खर्च नहीं होता है। हेपेटाइटिस ए और ई तथा एच1एन1 के लिए वैक्सीनेशन उपलब्ध हैं। खास करके बच्चों की तय समय पर वैक्सीनेशन करवानी चाहिए।
कटे फल-सब्जियों को ना खुले में रखे हुए पहले से कटे और छीले हुए ताजे फलों को खाने से बचें। वहीं पत्ता गोभी, पालक, मेथी आदि पत्तेदार सब्जियों को ध्यान से साफ करें। कुछ खास कीड़े की मौजूदगी उसे संक्रामक बना सकती है। जो भी फल उपलब्ध होते हैं, उन्हें खाने से पहले अच्छी तरह धोएं।
आसपास न पनपने दें मच्छर
बारिश के साथ उमस मच्छरों को भी आमंत्रित करती हैं, खासकर थमे व गंदे पानी में पनपते हैं। जिनके जरिये मलेरिया और डेंगू आदि रोग आते हैं। अपने घर और आस-पास का इलाका साफ-सुथरा और कचरा-मुक्त रखें। गमलों व कूलर आदि में पानी न थमने दें। अपने आस-पास के इलाके से जमा हुआ पानी निकालें। अंधेरा होने के बाद, दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें या पर्दे फैलाने के साथ ही लाइट जलाएं। मच्छरों के साथ सीधे संपर्क से बचाव के लिए खुली त्वचा पर मच्छर रोधी स्प्रे का इस्तेमाल करें। घर से बाहर जाते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें। मच्छरदानी लगाकर सो सकते हैं।


आदतन हाथ धोना
खास करके खाना खाने से पहले, साधारण स्वच्छता प्रक्रिया को अपनाकर संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है। मानसून के दौरान नियमित हाथ धोना बीमारियों से बचाव करता है। बच्चों को जागरूक करें ताकि वे खाने से पूर्व व शोच के बाद अच्छी तरह हाथ धोने को आदत में शामिल करें।
संतुलित व पौष्टिक भोजन
संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन जैसे कि ग्रीन टी, ताजे फल, बादाम आदि का सेवन जरूरी है जो इम्यूनिटी बढ़ाकर आपकी व परिवार के अन्य सदस्यों की सेहत को बरकरार रखेगा । सुनिश्चित कीजिए कि मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने के लिए आप संतुलित एवं प्रोटीन से भरपूर भोजन लें।
Advertisement

Advertisement