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कामयाबी के लिए जिम्मेदारी से करें इंटर्नशिप

04:05 AM Apr 03, 2025 IST

शिक्षण संस्थान में जो भी पढ़ाया-सिखाया जाता है उस ज्ञान को किसी संस्थान में कार्यरूप देने का माध्यम है इंटर्नशिप। विद्यार्थी किसी कंपनी में कार्यस्थल के माहौल से रूबरू होते हैं। वहां कार्यसंस्कृति व अनुशासन की व्यावहारिक जानकारी मिलती है। यह कैरियर तय करने में भी सहायक है। इंटर्नशिप को बहुत गंभीरता और सुनियोजित ढंग से करना चाहिए।

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कीर्तिशेखर
अगर आप सफल कैरियर चाहते हैं तो उसकी शुरुआत पहली नौकरी से नहीं बल्कि पहली इंटर्नशिप से करिये। कैरियर को व्यवस्थित दिशा देने में इंटर्नशिप का बहुत योगदान होता है। इसलिए अपनी पहली इंटर्नशिप को बहुत गंभीरता और सुनियोजित ढंग से करना चाहिए। यह न सिर्फ आपको व्यावहारिक अनुभव देती है बल्कि भविष्य के लिए व्यवस्थित ढंग से तैयार करती है। इसलिए इस बार अपने लिए इंटर्नशिप की प्लानिंग करते समय इस बात पर ध्यान जरूर दें।
इंटर्नशिप का मतलब
मोटे तौरपर इंटर्नशिप का मतलब है- छुट्टियों में किसी कंपनी में 8 से 10 सप्ताह तक काम करना। जहां पर विद्यार्थी अपने आपको काम की असली दुनिया से जोड़ सकते हैं यानी जहां हकीकत में एक ऑफिस होता है, जिसमें किसी की गाइडेंस में या अपने मेंटर के दिशा-निर्देशों में रहकर आप काम के साथ हकीकत में जुड़ सकते हैं। इसके जरिये आपको बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है व आमदनी भी होती है। इंटर्नशिप यानी विद्यार्थियों के लिए सीखने, अपना विकास करने और खुद को प्रोफेशनली बेहतर बनाने का मौका। यह पेड या अनपेड, पार्टटाइम या फुलटाइम किसी भी तरह की हो सकती है। इंटर्नशिप के माध्यम से एक प्रोफेशनल एन्वायरमेंट में क्लासरूम में सीखे गए ज्ञान को हकीकत की दुनिया से जोड़कर नए तरीके से सीखा जाता हैं। इंटर्नशिप विद्यार्थियो में नयी स्किल को विकसित करने और उसे कार्यरूप में परिवर्तित करने का माध्यम है। जिसमें कुछ नया सीखने का मकसद तय होता है और इसमें किसी प्रोफेशनल, विशेषज्ञ के सुपरविजन में फीडबैक दी जाती है। इंटर्नशिप के द्वारा विद्यार्थी आने वाले दिनों में अपने कैरियर की सही दिशा समझ सकते हैं। यह उनका किसी इंडस्ट्री, कंपनी या संस्था से परिचय कराता है। इसके माध्यम से वे अपने कैरियर की दिशा को तय कर सकते हैं कि क्या ये वाकई उनके लिए सही है या नहीं। कुल मिलाकर कक्षा में सीखी गई थ्योरी को कार्यरूप में परिवर्तित करने का माध्यम है इंटर्नशिप।
दूर होता है इंटरव्यू का डर
इंटर्नशिप के द्वारा विद्यार्थी भविष्य में नौकरी के लिए दिए जाने वाले इंटरव्यू के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं। उनके लिए यह एक ऐसा माध्यम भी साबित हो सकता है जिससे वे लोगों के साथ अपनी जान-पहचान बढ़ा सकते हैं और भावी कैरियर के लिए बेहतर नेटवर्किंग कर सकते हैं तथा इंटर्नशिप द्वारा प्रोफेशनल रिश्तों को बढ़ा सकते हैं जो आने वाले दिनों में उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। आमतौर पर छोटे-बड़े संस्थान गर्मियों की छुट्टियों में इंटर्नशिप के लिए विज्ञापन देते हैं और उन्हें ऐसे नयी ऊर्जा से भरपूर युवाओं की तलाश होती है जो उनके कार्यालय के माहौल में कुछ तब्दीली लाएं। इसके द्वारा विभिन्न कंपनियां नये प्रतिभाशाली लोगों को शिक्षित करने, उन्हें प्रशिक्षण देने और उनके प्रोफेशन को आकार देने में उनके लिए सहायक साबित होती हैं।
पहली बार आवेदन करें तो...
जो लोग इंटर्नशिप से पहले परिचित हैं और इससे पहले भी वह इंटर्नशिप कर चुके हैं उनके लिए इसमें एप्लाई करना आसान होता है। वे अपने पुराने संस्थान में दोबारा भी इंटर्नशिप कर सकते हैं। लेकिन जो विद्यार्थी इस पसोपेश में होते हैं कि इसकी शुरुआत कहां से की जाए। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आने वाले दिनों में अपने लिए कौन से कैरियर विकल्प का चुनाव करने वाले हैं और वे किस तरह के विशिष्ट किस्म के काम से जुड़ी गतिविधि से खुद को जोड़कर देखना चाहते हैं। इसके बाद उन्हें कार्यस्थल से जुड़े छोटे-बड़े संस्थानों या कंपनियों में अपने लिए विकल्प तलाश करना होता है। उन्हें इस बात को भी समझना होता है कि अपनी किस स्किल का इस्तेमाल कैसे करें और उसे कैसे विकसित करें।
काउंसलर की सलाह
हालांकि इसका चलन कम है, लेकिन जिस तरह हमें किस क्षेत्र में कैरियर बनाएं इसकी सलाह कई बार काउंसलर से लेनी पड़ती है और उसका फायदा भी मिलता है, इसी तरह इंटर्नशिप के लिए भी अगर काउंसलर की सलाह ले ली जाए तो अच्छा ही रहता है कि गर्मी की छुट्टियों में अपने निर्धारित कैरियर के हिसाब से किस तरह की इंटर्नशिप के लिए एप्लाई किया जाए। इसके लिए विभिन्न छोटे बड़े संस्थान विभिन्न अखबारों और वेबसाइट्स पर इंटर्नशिप के लिए विज्ञापन देते हैं। इसके अलावा अपने दोस्तों, परिवार के लोगों की जान-पहचान द्वारा भी कई विद्यार्थी अपने लिए इंटर्नशिप की तलाश करते हैं।
कुल मिलाकर इंटर्नशिप एक ऐसी टेस्ट ड्राइव है जो आपके कैरियर को आगे ले जाती है। यह काम के प्रति आपके लगाव और आपके रुझान को भी चिन्हित करने में मदद करती है और आपको मानसिक रूप से उसी फील्ड में अपना कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इंटर्नशिप के दौरान आप कई ऐसी नयी स्किल्स भी सीखते हैं जो आमतौर पर आपको क्लासरूम के अंदर नहीं सिखायी जाती। -इ.रि.सें.

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