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विश्वकप जीतने का संदेश

12:29 PM Feb 21, 2022 IST

जन संसद की राय है कि अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली युवा टीम ने सीनियर टीम को जीत का मंत्र दिया है। एक टीम के रूप में खेलना, देश के लिये खेलना व मतभेद ताक पर रखकर की गई कड़ी मेहनत जीत की राह तय करती है।

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सीनियर सीखें

अंडर-19 के जूनियर खिलाड़ियों ने पांचवीं बार विश्व कप जीतकर न केवल अपना दबदबा कायम रखा बल्कि सीनियर टीम इंडिया को भी संदेश दिया। जूनियर टीम की यह पांचवीं बार विश्व कप की जीत खिलाड़ियों की टीम एकजुटता की प्रतीक है कि केवल जीत के लिए क्रिकेट खेलना है। प्रैक्टिस, कोच द्वारा मार्गदर्शन, अन्य खिलाड़ियों द्वारा बल्लेबाजी, गेंदबाजी तथा क्षेत्र रक्षण का उम्दा प्रदर्शन दुनिया को बताने के लिए काफी है। आशा है कि सीनियर टीम इंडिया अंडर-19 टीम से कुछ सीख लेगी।

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शामलाल कौशल, रोहतक


जीत की लय

अंडर-19 के किशोर खिलाड़ियों ने पांचवीं बार विश्व कप जीतकर सबका मन जीत लिया है। पिछले कुछ वर्षों में सीनियर टीम में आपसी मतभेद व कप्तानी को लेकर वाद-विवाद ने सीनियर टीम की लय को प्रभावित किया है। सीनियर्स को जूनियर्स के लिए एक माॅडल पेश करना चाहिए। एक खिलाड़ी को अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेलना चाहिए। सीनियर्स को आपसी वाद-विवाद व मतभेद से ऊपर उठकर उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। कई बार जूनियर खिलाड़ी समझदारी व परिपक्वता का परिचय देते हैं। उसको स्वीकारना चाहिए।

सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, गुरुग्राम


सुनहरा सफर

अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत ने इंग्लैंड को हराकर इतिहास रच दिया है। इंग्लैंड क्रिकेट का जनक रहा है उसके विरुद्ध जीत हासिल कर भारत के खिलाड़ियों ने यह कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत की सतत जीत से दुनियाभर में यह संदेश गया है कि भारत के खिलाड़ियों का खेल कौशल किसी से कम नहीं है। इससे दुनियाभर में भारत की धाक स्थापित हुई है। भारतीय क्रिकेट टीम में इन्हीं उत्कृष्ट खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धि के आधार पर चयन का मौका देकर भविष्य में भी इस सुनहरे सफर को हम जारी रख सकते हैं।

ललित महालकरी, इंदौर, म.प्र.


टीम का भविष्य

अंडर-19 के युवा खिलाड़ियों ने पांचवीं बार क्रिकेट का विश्वकप भारत की झोली में डालकर न केवल एक कीर्तिमान स्थापित किया है, अपितु कोविड-महामारी के उदास मौसम में भी एक नयी ऊर्जा और उल्लास का संचार किया है। यह अप्रत्याशित जीत का संदेश है उन सीनियर्स खिलाड़ियों के लिए जो अपने अहम‍्-मतभेद और कप्तानी को लेकर होती ऊंच-नीच के चलते जीत की लय को बीच रास्ते ही छोड़ देते हैं। सीनियर्स टीम के खिलाड़ियों में ‘खेल भावना’ का अभाव दिखता है। लेकिन क्रिकेट के युवा तुर्कों का खेल उम्मीद जगाता है कि भारतीय टीम का भविष्य उज्ज्वल है।

हर्ष वर्द्धन, कदमकुआं, पटना, बिहार


उत्साह का संचार

अंडर-19 खिलाड़ियों ने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड से टाॅस हारकर फील्डिंग करने के बावजूद पांचवां विश्वकप खिताब अपने नाम कर लिया। जीत के सूत्रधार रहे पांच विकेट लेकर उम्दा बल्लेबाजी करने वाले राज बावा को उनके खास प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच की ट्राफी से नवाजा गया। इस जीत से जहां एक तरफ सभी जूनियर वर्ग के खिलाड़ी उत्साहित हुए, वहीं दूसरी तरफ सीनियर भारतीय टीम के लिए बेहतरीन खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। यह जीत खिलाड़ियों की खेल भावना को भी दर्शाती है।

देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद


तालमेल से कामयाबी

जूनियर क्रिकेट टीम ने जिस तरह से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांचवीं बार विश्व खिताब भारत की झोली में डाला है वह काबिले तारीफ़ है। भारत की वयस्क क्रिकेट टीम के लिए एक बड़ा संदेश है कि विश्व खिताब के जीतने के लिए आपसी मतभेद की नहीं, बल्कि मैदान में अच्छे तालमेल की आवश्यकता होती है। खिलाड़ियों के आपसी मतभेद उनकी क्षमता को प्रभावित करते हैं। हमारी वयस्क क्रिकेट टीम को अंडर-19 क्रिकेट टीम से प्रेरणा लेकर मतभेद को छोड़कर आपसी तालमेल का परिचय देना चाहिए।

योगिता शर्मा, सुधोवाला, देहरादून


पुरस्कृत पत्र

प्रेरक पहल

सीनियर क्रिकेट टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बीच जूनियर खिलाड़ियों का पांचवीं बार विश्व कप पर कब्जा करना सुखद अहसास दिलाता है। यह जीत खिलाड़ियों की एकजुटता, खिलाड़ियों की उम्दा गेंदबाजी, बल्लेबाजी तथा खेल भावना को दर्शाती है। वहीं भारत के लिए गौरव की बात है। सीनियर वर्ग के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए यह एक सबक है। वहीं भविष्य में यह जीत अन्य टीमों में भी अंडर-19 जूनियर टीम इंडिया की प्रतिभाशाली खेल भावना से कुछ सीखने की प्रेरणा जगाती रहेगी।

अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

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