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रक्षाबंधन पर विशेष संयोग शाम तक शुभ समय

02:15 PM Aug 22, 2021 IST

मदन गुप्ता सपाटू

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ज्योतिष की दृष्टि से आज रक्षाबंधन का पर्व कई कारणों से अद्वितीय है। भद्रा जैसा अशुभ काल, जिसमें राखी नहीं बांधी जाती, वह समय प्रातः 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा, धनिष्ठा नक्षत्र एवं शोभन योग रहेगा। चंद्रमा कुंभ राशि में होंगे। ऐसे में लगभग पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ माना जाएगा। इस दिन पंचक भी आरंभ हो रहे हैं, जिसमें सामान्यतः शुभ कार्य नहीं किए जाते, परंतु रक्षाबंधन में केवल भद्रा का ही विचार किया जाता है। इस दिन राहु काल शाम 5:15 से 7 बजे तक रहेगा।

राखी को पहले रक्षासूत्र कहते थे। कलावा या मौली भी कहा जाता था। यह रक्षासूत्र ही राखी में बदल गया। रक्षासूत्र को बोलचाल की भाषा में राखी कहा जाता है जो वेद के संस्कृत शब्द ‘रक्षिका’ का अपभ्रंश है। मध्यकाल में इसे राखी कहा जाने लगा। यह भाई-बहन को स्नेह, कर्तव्य एवं दायित्व में बांधने वाला पर्व है। राखी का पर्व टूटे संबंधों को जोड़ने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। बाबुल का आंगन गुलजार करने का एक सुअवसर है। भाई-बहनों के मध्य चल रहे गिले-शिकवों को भुलाने का अवसर है। धागा बांधने के बाद मिठाई खिलाने से दिल का गुबार मिठास में घुल जाता है। भारतीय उत्सवों का मजा परिवार संग ही आता है। रक्षाबंधन एक पारिवारिक मिलन है। सावन और सावन के सोमवारों से चलता हुआ यह सिलसिला तीज से होता हुआ कृष्णोत्सव तक निर्बाध चलता रहता है।

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गृह सुरक्षा का उपाय : वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि मौली को गंगा जल से पवित्र करके, गायत्री मंत्र की एक माला का जाप करके, प्रवेश द्वार पर तीन गांठें लगाकर बांधें, तो घर की सुरक्षा पुख्ता हो जाती है।

आज राखी बांधने का मुहूर्त

सुबह 06:17 से शाम 05:15 बजे तक

दोपहर का उत्तम समय 01:45 से 04:15 बजे तक

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