For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Pauranik Katha : भारत के इस इकलौते मंदिर में हुआ था भगवान श्री कृष्ण व राधारानी का विवाह

06:54 PM Apr 08, 2025 IST
pauranik katha   भारत के इस इकलौते मंदिर में हुआ था भगवान श्री कृष्ण व राधारानी का विवाह
Advertisement

चंडीगढ़, 8 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Advertisement

Pauranik Katha : हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण और श्री राधा की प्रेम कथा अत्यंत प्रसिद्ध मानी जाती है। भले ही वह शादी के बंधन में नहीं बंध पाए, लेकिन राधा-कृष्ण का संबंध केवल दो प्रेमियों का नहीं बल्कि ब्रह्म और आत्मा का प्रतीक भी है। राधा-कृष्ण का मिलन धार्मिक ग्रंथों और लोककथाओं में एक अटूट प्रेम का रूप है।

हालांकि भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहां राधारानी व कृष्ण के विवाह के सबूत मिलते हैं। कहा जाता है कि भांडीरवन के एक मंदिर में राधा-कृष्ण का विवाह हुआ था। भांडीरवन मथुरा के नजदीक स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जो कृष्ण और राधा के प्रेम का साक्षी माना जाता है। यहां के प्राचीन मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा के विवाह की कथा से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं।

Advertisement

राधा-कृष्ण का विवाह

हालांकि, शास्त्रों में राधा और कृष्ण का विवाह पारंपरिक रूप से नहीं हुआ था। फिर भी भांडीरवन में यह विवाह एक आध्यात्मिक रूप में सम्पन्न हुआ था। यहां पर राधा-कृष्ण के विवाह का दृश्य एक दिव्य और अप्रतिम प्रेम के रूप में मनाया जाता है। मथुरा से लगभग 30 किलोमीटर दूर, मांट तहसील में स्थित इस अनोखे मंदिर में श्री राधा और भगवान कृष्ण की प्रतिमाएं एक-दूसरे को वरमाला पहनाते हुए दिखाई देती हैं। यही नहीं, इस मंदिर में ब्रह्मा जी की भी मूर्ति है, जो विवाह की रस्में निभा रहे हैं

माना जाता है कि भांडीरवन में राधा और कृष्ण का विवाह एक दिव्य लीला थी। भगवान श्री कृष्ण ने राधा को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। यह विवाह केवल एक सांसारिक संबंध नहीं था बल्कि यह प्रेम और भक्ति का सर्वोत्तम रूप था, जिसमें दोनों की आत्माएं एक दूसरे में विलीन हो गईं।

भांडीरवन के मंदिर में पूजा और दर्शन

भांडीरवन के इस मंदिर में राधा और कृष्ण की पूजा अर्चना बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है। भक्तों को यह स्थान एक दिव्य शांति का अहसास कराता है। मंदिर के वातावरण में एक विशेष तरह की आध्यात्मिक ऊर्जा होती है, जो भक्तों के मन को शांति और समर्पण की अनुभूति कराती है। इसके अलावा इस स्थान पर एक कुंड भी है। बता दें कि कुछ लोग झांसी के मुरली मनोहर मंदिर को भी राधा-कृष्ण के विवाह स्थल मानते हैं, जहां श्री कृष्ण के साथ राधा और रुक्मणी दोनों विराजमान हैं।

Advertisement
Tags :
Advertisement