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इतना दुस्साहस... मध्य प्रदेश में फर्जी डॉक्टर ने की मरीजों की हार्ट सर्जरी, 7 की मौत

01:30 PM Apr 05, 2025 IST
सांकेतिक फाइल फोटो

दमोह (मध्य प्रदेश), 5 अप्रैल (एजेंसी)

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Fake doctor: मध्य प्रदेश के दमोह शहर स्थित एक प्राइवेट मिशनरी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई हार्ट सर्जरी से कम से कम 7 मरीजों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। प्रशासन की जांच के दायरे में आया यह मामला प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव खुद को ब्रिटेन के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एन जॉन केम बताकर पेश कर रहा था। उसने कथित तौर पर अस्पताल में कई मरीजों की हार्ट सर्जरी की। जिन मरीजों का ऑपरेशन किया गया, उनमें से कई की कुछ ही समय में मृत्यु हो गई।

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असली नाम नरेंद्र यादव, जाली दस्तावेजों से ली नियुक्ति

जांच में पता चला है कि आरोपी ने अस्पताल में नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया और खुद को विदेशी डॉक्टर बताकर लोगों को गुमराह किया। दमोह बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया कि मृतकों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक हो सकती है।

दीपक तिवारी ने बताया, "कुछ परिजन हमारे पास आए और बताया कि उन्होंने अपने पिता को इस अस्पताल में लाया था, लेकिन डॉक्टर पर शक होने पर उन्हें जबलपुर ले गए। बाद में पता चला कि यह व्यक्ति असली डॉक्टर नहीं, बल्कि एक जालसाज नरेंद्र यादव है, जिसके खिलाफ हैदराबाद में भी मामला दर्ज है।"

आयुष्मान भारत योजना के तहत हो रही थी सरकारी फंड की वसूली

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा कि संबंधित अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना के तहत भी फंड मिल रहा था। उन्होंने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है और इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है।

कानूनगो ने कहा, "हमें शिकायत मिली है कि इस अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किए गए हैं और आयुष्मान योजना के तहत सरकारी पैसे लिए गए हैं। हमने इस मामले का संज्ञान लिया है।"

जिला प्रशासन ने अस्पताल से दस्तावेज जब्त किए

दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा है कि वह जांच पूरी होने के बाद ही बयान देंगे। वहीं एसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

सोशल मीडिया पर भी रहा विवादित

बताया गया है कि आरोपी नरेंद्र यादव पहले भी ब्रिटिश डॉक्टर बनने का नाटक कर चुका है। जुलाई 2023 में उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े एक भ्रामक ट्वीट किया था, जो बाद में मजाक का विषय बना। आरोपी द्वारा फोटोशॉप की गई तस्वीरें भी वायरल हो चुकी हैं।

फिलहाल आरोपी फरार, गिरफ्तारी के प्रयास तेज

अभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। वहीं, मृतक परिजनों में भारी आक्रोश है और उन्होंने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।

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