अंगदान से बच सकती है कई लोगों की जान
रोहतक, 7 जुलाई (निस)
पीजीआईएमएस में सोटो की ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर दिप्ती द्वारा संस्थान के ट्रांसपोर्ट विभाग में अंगदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई कर्मचारियों ने अंगदान करने के लिए फार्म भरे। सोटो के कार्यकारी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप ने कहा कि धार्मिक कारण भी कि लोग मानते है कि अगर कोई अंग शरीर से कम हुआ अगले जन्म में भी वह अंग नहीं मिलेगा। जबकि ऐसा कुछ नहीं यह केवल लोगों में भ्रांतियां है। डॉ. संदीप ने कहा कि हमें जीते जी रक्तदान और अपने अंगदान अवश्य करने चाहिएं, ताकि हम किसी के बहुमूल्य जीवन को बचा सकें। ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर दिप्ती ने बताया कि अंगदान दो तरह का होता है, पहला जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु के बाद अंगदान। जीवित अंगदान में कोई व्यक्ति किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा जरूरतमंदों की मदद के लिए दान कर सकता है। मृत्यु के बाद अंगदान में मृत व्यक्ति के वो सभी अंग दान किए जा सकते हैं जो ठीक से काम करते हो। अंगदान में सामान्य रूप से 8 अंग शामिल हैं, जिनका दान किया जा सकता है।
अंगदान के फार्म भरे
अंगदान का फार्म भरने वाले पीजीआईएमएस में स्टैनो के पद पर तैनात अजीत सिंह ने कहा कि अंगदान कर हम दुनिया से जाने के बाद और जीवित रहतेे हुए कई लोगों की जान बचा सकते है। अंगदान महादान है। अजीत ने कहा कि उन्हें अपना अंगदान का फार्म भरकर खुशी हो रही है और वें अपने ज्यादा से ज्यादा साथियों का भी अंगदान का फार्म भरवाएंगे। इस अवसर पर भगत सिंह, नवीन, अनिल, नरेंद्र,रमेश, संदीप, कमल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।