परिसीमन मुद्दे पर विपक्ष एकजुट, 25 साल का मांगा विस्तार
नयी दिल्ली/चेन्नई, 22 मार्च (ट्रिन्यू/एजेंसी)
प्रस्तावित परिसीमन की कवायद के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते हुए डीएमके के नेतृत्व वाले विपक्ष ने शनिवार को 1971 की जनगणना के आधार पर लोकसभा सीटों की संख्या पर मौजूदा रोक को 25 साल बढ़ाने की मांग की। इस मुद्दे पर तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक ने शनिवार को राज्यों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की पहली बैठक की। गौर हो कि 1971 की जनगणना के हिसाब से लोकसभा में सीटों की संख्या 543 है। अब इसमें संशोधन की कवायद की जा रही है।
जेएसी की बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि उनके सांसद मौजूदा संसद सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इन मांगों को उठाएंगे। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के पिनराई विजयन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी के अलावा कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, बीआरएस के वरिष्ठ नेता केटी रामाराव एवं राकांपा (शरद) की सुप्रिया सुले आदि शामिल हुए। आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी बैठक में तो शामिल नहीं हुई, अलबत्ता उन्होंने पीएम को लिखे पत्र को जारी किया। केरल के सीएम ने आरोप लगाया कि भाजपा अपना फायदा देख रही है।
उधर, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार ने कहा कि द्रमुक सरकार शराब घोटाले के आरोपों से ध्यान भटका रही है। भाजपा की तमिलनाडु इकाई ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा, ‘इसे भ्रष्टाचार छिपाने वाली बैठक कहा जा सकता है।’
कम जनसंख्या पर दक्षिण के राज्यों को दंड : भगवंत मान
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पूछा कि क्या दक्षिणी राज्यों को जनसंख्या कम करने के लिए दंडित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा उन राज्यों में सीटें बढ़ाना चाहती है, जहां वह जीतती है और उन राज्यों में सीटें कम करना चाहती है, जहां वह हारती है। पंजाब में भी वह नहीं जीतती।
‘जनसंख्या का आधार अस्वीकार्य’ तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि अगर भाजपा ने जनसंख्या के आधार पर परिसीमन किया तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। तेलंगाना से बीआरएस के वरिष्ठ नेता केटी रामाराव ने भी कहा कि जनसंख्या का आधार अनुचित है। बीजू जनता दल के अध्यक्ष व ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने भी यही बात कही। बीजद के दो नेता बैठक में शामिल हुए, पटनायक ने डिजिटल तौर पर संबोधित किया। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि केंद्र दक्षिणी राज्यों के संसदीय प्रतिनिधित्व को कम करने की योजना बना रहा है।
निष्पक्ष कवायद हो : सुप्रिया सुले
राकांपा (शरद) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन किया जाना चाहिए, लेकिन निष्पक्ष तरीके से।
आरएसएस ने पूछा, यह चिंता या राजनीति
आरएसएस के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने पूछा कि क्या इन दलों का कोई राजनीतिक एजेंडा है या फिर वे वास्तव में चिंतित हैं। उन्हाेंने इन नेताओं से ऐसी चर्चाओं से बचने को कहा क्योंकि अभी न तो जनगणना शुरू हुई और न ही परिसीमन पर केंद्र द्वारा चर्चा शुरू की गई।