अब सूरज से भी आंखें चार
नयी दिल्ली, 6 जनवरी (एजेंसी)
चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सूर्य के अध्ययन के लिए देश के पहले अंतरिक्ष अभियान में भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। इसरो का ‘आदित्य-एल1’ यान अंतरिक्ष में 126 दिन तक 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद शनिवार को सफलतापूर्वक अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया। सौर वेधशाला अंतरिक्ष यान आदित्य-एल1 को पिछले साल 2 सितंबर को प्रक्षेपित किया गया था और शनिवार अपराह्न करीब 4 बजे इसे ‘लैग्रेंजियन पॉइंट-1’ (एल1) पर ‘हेलो’ कक्षा में स्थापित कर दिया गया। वहां से यह सूर्य की परिक्रमा करके उसका अध्ययन करेगा। ‘लैग्रेंजियन प्वाइंट’ वह क्षेत्र है, जहां पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्िक्रय हो जाता है। ‘एल1 प्वाइंट’ के चारों ओर ‘हेलो’ कक्षा में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव का अवलोकन करने में अधिक लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान की सफलता की जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह सबसे जटिल और कठिन अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ हूं। हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की नयी सीमाओं को पार करते रहेंगे।’राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस उपलब्धि के लिए पूरे वैज्ञानिक समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा।