Navratri 2025 : कंजक पूजन के दौरान ना करें ये गलतियां , मां दुर्गा हो जाएंगी नाराज
चंडीगढ़, 5 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Navratri 2025 : नवरात्रि का कंजक पूजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म है और इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि कंजक पूजन में की गई गलतियों से मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं। पूजा में किसी प्रकार की लापरवाही न हो, यही सुनिश्चित करना चाहिए। कन्याओं को देवी रूप मानकर उनके साथ श्रद्धा और सम्मान से पेश आना चाहिए, ताकि पूजा का असली उद्देश्य प्राप्त हो सके और जीवन में सुख-समृद्धि आए। चलिए जानते हैं कि नवरात्रि के कंजक पूजन के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
कंजक का सही चयन
कंजक पूजन के लिए कन्याओं का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म के अनुसार, केवल 2-10 वर्ष की कन्याओं को ही कंजक के रूप में पूजा जाए। इन्हें देवी की रूप में माना जाता है इसलिए इनका चयन सोच-समझ कर करना चाहिए। किसी भी कारणवश बड़ी उम्र की लड़कियों को कंजक के रूप में पूजना गलत है।
आहार का ध्यान रखें
कंजक पूजन के दौरान कन्याओं को जो भोजन दिया जाता है, वह शुद्ध और सात्विक होना चाहिए। मांसाहारी भोजन, तली-भुनी वस्तुएं या कोई भी नॉन-वेगेट चीजें कंजक को नहीं दी जानी चाहिए।
पूजा सामग्री का ध्यान रखें
कंजक पूजन के दौरान सही पूजा सामग्री का चयन करना जरूरी है। पूजा में फूल, चंदन, अक्षत, फल, हल्दी, कुमकुम, पानी और अन्य धार्मिक सामग्रियों का प्रयोग सही ढंग से किया जाना चाहिए। ध्यान रखें कि पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री शुद्ध हो और किसी भी प्रकार की अशुद्धि न हो।
कंजक को ना हो असहजता
कंजक पूजा करते समय यह सुनिश्चित करें कि कन्याओं को असहजता महसूस न हो। जैसे अगर वे भूखी हैं तो उन्हें जल्द से जल्द भोजन दें। पूजा के दौरान उनकी भावनाओं का सम्मान करें और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करने दें।
आदर और सम्मान का भाव रखें
कंजक पूजा का मुख्य उद्देश्य सम्मान और आदर दिखाना होता है। इस दौरान कंजकों के प्रति आदर और सम्मान दिखाना चाहिए। उन्हें देवी का रूप मानकर पूजा करें और किसी भी तरह से उनका अपमान न करें। जब आप कंजक को भोजन या उपहार दे रहे होते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि यह सम्मानपूर्वक किया जा रहा हो।
उपहार देने में विशेष ध्यान रखें
कंजक पूजा में कन्याओं को उपहार देना होता है, लेकिन ध्यान रखें कि उपहार शुभ और उपयोगी हों। उन्हें केवल पैसे या मिठाई देने के बजाय अच्छे कपड़े, चूड़ियां, बिंदी या अन्य शुभ वस्त्रों का उपहार दें। इस तरह के उपहार कन्याओं के लिए शुभ और सजीव रहते हैं।
पूजा का सही समय
कंजक पूजा का समय नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से तय किया गया है। इस दौरान पूजा का समय विशेष रूप से प्रातःकाल या दिन के पहले भाग में होना चाहिए। देर रात या रात्रि में पूजा करने से इसका धार्मिक महत्व कम हो सकता है। उचित समय पर पूजा करने से उसका सही फल मिलता है।