आस्थामय फूलों का संदेश
श्रीमती प्रवीण शर्मा
फूल प्रकृति की उत्कृष्ट रचना है। फूलों के रंग और उनकी सुगंध सदियों से मानव-मन को गहरी संवेदना से भरते रहे हैं। प्रकृति की यह उत्कृष्ट रचना प्रेम व आस्था अभिव्यक्ति की पर्याय रही है।
हर भक्त की इच्छा होती है कि वह अपने आराध्य के प्रति फूलों से कृतज्ञता अर्पित करे। यही वजह है कि दुनिया के सभी धर्म फूल के जरिये आस्था के पर्याय बन गये हैं। शुद्ध, सात्विक, सुगंध और मनमोहक रंगों से ये फूल देव व मानव-मन को मोहित कर देते हैं। देवता भी इन फूलों के जरिये भक्तों के मनोभावों को ग्रहण करते हैं।
फूल जीवन का गहरा संदेश देते हैं कि जीवन भले ही मुश्किलों के कांटों से भरा हो, फूलों की तरह मुस्कुराते रहो। कह सकते हैं कि प्रकृति ने इनकी सुंदरता की सुरक्षा के लिए कांटों को इनके साथ ही उगाया है। इन्हीं कांटों के कारण ही फूल बचे हुए हैं।
निस्संदेह, फूल प्रकृति के सौंदर्य की अनुपम अभिव्यक्ति है। इसके सान्निध्य में आस्था व प्रेम का भाव महक जाता है। इंसान ही नहीं, तमाम पक्षी व कीट-पतंगें भी इन फूलों के मोहपाश में बंध जाते हैं। कह सकते हैं कि फूल कुदरत की उत्कृष्ट रचना है। अब चाहे दिन में खिलने वाला गुलाब हो या रात की रानी रजनीगंधा। वहीं फूलों से लदी डालियां संदेश भी देती हैं कि अपने सर्वोत्तम स्तर पर हमें विनम्र रहना चाहिए।