Gyan ki Baatein : रविवार व एकादशी के दिन तुलसी में जल मत चढ़ाओ... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 13 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Gyan ki Baatein : हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र और धार्मिक महत्व का माना गया है। तुलसी का पौधा न केवल घरों में खुशहाली और शांति का प्रतीक है बल्कि इसे देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और अन्य देवताओं की उपासना का माध्यम भी माना जाता है। तुलसी की पूजा और देखभाल के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है, जिनमें रविवार को तुलसी में पानी न डालने की परंपरा है।
अक्सर दादी-नानी या बड़े-बुजुर्ग भी रविवार के दिन तुलसी में जल चढ़ाने के लिए मना करते हैं। मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि रविवार को तुलसी में जल चढ़ाने की मनाही क्यों होती है...
रविवार को न दें तुलसी पौधे में पानी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी तुलसी भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त हैं। माता तुलसी रविवार और मंगलवार के दिन भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यही वजह है कि इस दिन तुलसी में जल चढ़ाने के लिए मना किया जाता है, ताकि उनकी व्रत खंडित ना हो।
एकादशी पर भी तुलसी में अर्पित न करें जल
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी तिथि पर भी माता तुलसी में भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं इसलिए उन्हें इस दिन उन्हें जल अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि तुलसी में जल चढ़ाने से मां लक्ष्मी का व्रत भी खंडित हो जाता है और वह नाराज हो जाती है, जिससे जिंदगी में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद में भी तुलसी के पौधे को अत्यधिक गुणकारी माना जाता है। तुलसी के पौधे के बारे में कहा जाता है कि यह वायुवर्धक है, यानी यह वायु तत्व को बढ़ाता है। रविवार को सूर्य देवता के प्रभाव से वायु तत्त्व पहले ही प्रबल होता है और अगर इस दिन तुलसी में पानी डाला जाता है, तो इससे वायुरोग या वातदोष जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी रविवार को तुलसी में पानी डालने से बचने की सलाह दी जाती है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।