नशे के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे ‘माननीय’, पंचायतों का भी लेंगे सहयोग
चंडीगढ़, 18 मार्च
हरियाणा के ‘माननीय’ राजनीति से ऊपर उठकर नशे के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे। नशे के खिलाफ छेड़ी जा रही लड़ाई में पंचायतों के सभी सभी जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा। विधानसभा नशे के मामलों की निगरानी करने के लिए कमेटी का गठन करेगी। मंगलवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रदेश में बढ़ रहे नशे के मामलों को लेकर पूरा सदन चिंतित नजर आया।हरियाणा के स्कूल-कॉलेजों तक में नशा पहुंच गया है। इस मुद्दे से निपटने के लिए हरियाणा के प्रयासों से उत्तरी भारत के पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य एक मंच पर आ चुके हैं। पंचकूला में पूरे उत्तर भारत का कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा, शीशपाल सिंह केहरवाला, मनदीप सिंह चट्ठा व बलवान सिंह दौलतपुरिया ने अपने प्रस्ताव में कहा कि प्रदेश में सिंथेटिक नशा काफी बढ़ रहा है।विधायकों की ओर से सदन में कमेटी बनाने की मांग उठाई। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि जिस तरह से युवा मामलों के लिए अलग से कमेटी बनाने का निर्णय हुआ है, उसी तरह से अब नशे को लेकर भी विधानसभा की कमेटी बनाई जाएंगी। इसमें सभी दलों के सदस्य शामिल होंगे, जिससे इस बुराई के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी जा सके। संसदीय मंत्र महिपाल सिंह ढांडा ने सदन में कहा कि नशा तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है।ढांडा ने 2020 से 2024 तक सरकार द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई का आंकड़ा भी पेश किया। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति तैयार की है। ड्रग तस्करों पर कठोर कानूनी कार्रवाई के साथ समाज के युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और ड्रग्स के आदी लोगों के इलाज और पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है।
शीशपाल केहरवाला ने कहा कि नशा बढ़ने से चोरी और क्राइम की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। उनकी जिंदगी को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। ढांडा ने कहा कि सरकार की ओर से संकल्प प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके तहत नशा विरोधी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी। शीशपाल ने नशे को लेकर बढ़ रही ओपीडी पर भी चिंताई। उन्होंने कहा कि 16 प्रतिशत आबादी नशे की चपेट में है। नशे के इलाज से संबंधित 14.8 लाख ओपीडी है, जबकि 12.9 लाख ओपीडी केवल पंजाब सीमा से सटे जिलों में है।
हर जिले में खोले जाएं नशामुक्ति केंद्र
कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि पंजाब से सटे जिलों में नशे का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। अस्पतालों में नशे को लेकर ओपीडी बढ़ रही है। साथ ही, नशा मुक्ति केंद्रों में भी बेहतर व्यवस्थाएं नहीं है। प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्र संचालक मनमानी करते हैं। उनकी जांच कराई जानी चाहिए। मनदीप चट्ठा ने स्कूल-कालेजों में बढ़ रहे नशे का मुद्दा उठाया। बलवान दौलतपुरिया ने नशे के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग की।
117 बड़े तस्करों की संपत्ति जब्त
महिपाल ढांडा ने बताया कि 2020 से 2024 के बीच एनडीपीएस एक्ट के तहत 16781 मामले दर्ज कर 25446 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। इनमें से 1761 मुकदमे व्यावसायिक मात्रा के थे, जिनमें 3714 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। 117 बड़े तस्करों की 52.79 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है।
20 अप्रैल को नशामुक्ति अभियान का आगाज
ढांडा ने बताया कि नशामुक्ति अभियान को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 20 अप्रैल को पंचकूला में जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन होगा। इसमें सभी जिला परिषद व ब्लाक समिति के चेयरमैनों के साथ सरपंच और शहरी निकायों के प्रधान हिस्सा लेंगे। 2024 में 2572 जागरूकता कार्यक्रम हुए। इनमें 16.7 लाख लोगों ने भाग लिया। नशामुक्त हरियाणा अभियान के तहत 7197 गांव में से 3406 गांव और 2095 वार्डों में से 809 वार्ड नशा मुक्त घोषित किए हैं।
हर जिले में होंगे फास्ट ट्रैक कोर्ट
ढांडा ने बताया कि नशे के मामलों में जल्द सुनवाई के लिए हर जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएंगे। 2023 में कमर्शियल क्वांटिटी के मामलों में सजा की दर 53.81 फीसदी थी, जो 2024 में बढ़कर 71.22 फीसदी पहुंच गई वर्ष 2021-22 में नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या 98 थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 130 हो गई है।
केस और गिरफ्तारियां
वर्ष एफआईआई गिरफ्तारी
2020 3059 4607
2021 2745 4103
2022 3824 5513
2023 3823 5930
2024 3330 5293
2025 0567 0888
कुल 17348 26334