ओपीएस मुद्दे पर तपा हिमाचल विधानसभा सदन
ज्ञान ठाकुर
शिमला, 13 अगस्त हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन शनिवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली के मुद्दे पर सदन में हंगामा किया और बाद में पूरे विपक्ष ने सदन से वाॅकआउट किया। विपक्ष ने यह हंगामा और वाॅकआउट इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने के विरोध में किया। विपक्ष ने इस संबंध में शुक्रवार को नियम 67 के तहत विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया था और इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की थी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष के इस नोटिस को रद्द कर दिया। उन्होंने दलील दी की इस मुद्दे पर नियम 278 के तहत अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्यापक चर्चा हुई थी। ऐसे में फिर से चर्चा की अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है।
इससे पूर्व आज सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का मुद्दा उठाया और ओपीएस के मामले पर तुरंत चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि आज न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर शिमला में प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं और इसके चलते पूरा शिमला जाम हो गया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी आशा कुमारी की मांग का समर्थन किया और प्रदेश सरकार को कर्मचारी विरोधी बताया। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने सरकार की तरफ से सफाई दी, लेकिन विपक्ष ने उनके स्पष्टीकरण का जोरदार विरोध किया और सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
जनता का पैसा बर्बाद कर रहा है विपक्ष : भारद्वाज संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट की निंदा की और कहा कि सरकार विपक्षी सदस्यों द्वारा पुछे गए सवालों के जवाब पर लाखों रुपए खर्च करती है, लेकिन विपक्ष प्रश्नकाल में हिस्सा लेने के बजाय हंगामा करने और वॉकआउट को प्राथमिकता देता है। उन्होंने विपक्ष के इस व्यवहार को प्रदेश की जनता के पैसे की बर्बादी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सुर्खियों में रहने के लिए वॉकआउट करता है।