Haryana Budget 2025-26 : हरियाणा में कॉलोनियों की तर्ज पर अवैध उद्योग इकाइयां होंगी वैध, ये उद्यमी कर सकेंगे आवेदन
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 17 मार्च।
हरियाणा के उन उद्योगपतियों के लिए राहत की खबर है, जिनकी इकाइयों अवैध हैं। ऐसी औद्योगिक इकाइयों को सरकार आवासीय कालोनियों की तर्ज पर नियमित करेगी। मनोहर सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 2145 अवैध कालोनियों को नियमित किया था। नायब सरकार ने अपने बजट में अनाधिकृत औद्योगिक कालोनियों को नियमित करने के लिए पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया है।
इसके तहत 10 एकड़ तक जमीन में 50 औद्योगिक इकाइयों को पोर्टल पर आवेदन करने के बाद विभिन्न विभागों द्वारा वैध किया जा सकेगा। वहीं दूसरी ओर, औद्योगिक श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सरकार ने तय किया है कि नए ईएसआई अस्पतालों व डिस्पेंसरियों के निर्माण के लिए एचएसआईआईडीसी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, पंचायतों तथा सरकारी विभागों द्वारा रियायती दरों पर जमीन दी जाएगी।
सभी औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की आवास सुविधा के लिए वन रूम सैट और डोरमेटरी बनाए जाएंगे। सस्ती दरों पर श्रमिकों को यह सुविधा मिलेगी। पहले चरण में औद्योगिक संपदा राई, आईएमटी बावल और मानेसर में पायलट प्रोजेक्ट पर यह सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है। इसी तरह से सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सरकार मल्टी-लेवल पार्किंग बनाएगी ताकि पार्किंग की समस्या को निजात पाई जा सके।
10 शहरों में बनेंगी आईएमटी
खरखौदा आईएमटी की तर्ज पर सरकार ने दस शहरों में मॉडर्न इंडस्टियल टाउनशिप बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही, खरखौदा आईएमटी का विस्तार भी होगा। नई आईएमटी के लिए ई-भूमि पोर्टल के जरिये अगले वित्तीय वर्ष से ही सरकार जमीन की मांग शुरू करेगी। साथ ही, किसानों से लैंड पूलिंग पॉलिसी और लैंड पार्टनरशिप पॉलिसी के विकल्प भी दिए जाएंगे।
अंबाला में 800 एकड़ में आईएमटी
पूर्व की हुड्डा सरकार ने अंबाला में आईएमटी बनाने का निर्णय लिया था। उस समय कुमारी सैलजा व विनोद शर्मा के बीच राजनीतिक विवाद के चलते यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। अब नायब सरकार ने अंबाला में कम से कम 800 एकड़ में आईएमटी बनाने का निर्णय लिया है। एचएसआईआईडीसी द्वारा इसकी स्थापना की जाएगी।
ट्रीटेट वाटर का होगा इस्तेमाल
‘जीरो वाटर वेस्टेज औद्योगिक क्षेत्र’ योजना के तहत सरकार ने आईएमटी मानेसर में पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। आईएमटी में शोधित जल को री-साइकिल करके औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट का विकास, सेंट्रलाइज्ड फायर सिस्टम और पर्यावरण संरक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा।
मेक इन हरियाणा भी
केंद्र की मोदी सरकार की मेक इन इंडिया नीति की तर्ज पर ‘मेक इन हरियाणा’ कार्यक्रम शुरू होगा। इसके तहत स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य को निर्माण, डिजाइन और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने में भी यह कार्यक्रम अहम भूमिका निभाएगा। इस दिशा में सरकार द्वारा उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए वित्तीय एवं गैर-वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ेगी
प्रदेश में वर्तमान में 11 हजार 1 रुपये न्यूनतम मजदूरी दर है। नायब सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में न्यूनतम मजदूरी दरों का पुनरीक्षण एवं संशोधन करने का निर्णय लिया है। हर साल मजदूरी दरों में महंगाई भत्ते के हिसाब से बढ़ाया जाता है। इस बढ़ोतरी के चलते ही अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरें 2015 में 7500 रुपये के मुकाबले अब बढ़कर 11 हजार 1 रुपये हो गई है।
एडीसी बनाए गए पावरफुल
सरकार ने पांच एकड़ तक के उद्योगों के कारखाना नक्शा व कारखाना लाइसेंस पर निर्णय लेने के अधिकार जिला स्तर पर एडीसी को देने का निर्णय लिया है। इसी तरह से 10 एकड़ तक के उद्योगों के कारखाना लाइसेंस के नवीनीकरण की पावर भी एडीसी के पास रहेगी।
उद्योग-श्रमिक-मैत्री परिषद बनेगी
मुख्यमंत्री ने उद्योगों एवं श्रमिकों के बीच बेहतर तालमेल व सहयोग के लिए अहम फैसला लिया है। सरकार द्वारा उद्योग-श्रमिक-मैत्री परिषद का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री खुद इस परिषद के चेयरमैन रहेंगे। छह नीतिगत निर्णयों की परिषद द्वारा नियमित अंतराल में समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं श्रमिकों के लिए बेहतर सुविधाओं में परिषद अहम भूमिका निभाएगी।
14 जगहों पर ईएसआई को जमीन
प्रदेश में ईएसआई अस्पताल एवं डिस्पेंसरी के लिए एचएसआईआईडीसी द्वारा ईएसआई, नई दिल्ली को चौदह जगहों पर रियायती दरों पर जमीन दी जाएगी। सरकार ने चरखी दादरी, साहा, सोहना, खरखौदा, बहादुरगढ़, करनाल, फरुर्खनगर, छछरौली, कोसली, घरौंडा, कैथल, कुरुक्षेत्र, पटौदी व गोहाना में जमीन देने का निर्णय लिया है।