Haryana Assembly : हरियाणा में मैच फिक्सिंग करने वाले अब नपेंगे, होगी 7 साल तक की सजा; 158 साल पुराना कानून निरस्त
चंडीगढ़।
हरियाणा में मैच फिक्सिंग, खेलों के अलावा चुनावों पर सट्टा (जुआ) लगाने और लगवाने पर 7 साल तक की सजा हो सकेगी। नायब सरकार ने 158 वर्ष पुराने कानून को निरस्त करते हुए प्रदेश में नया कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
बुधवार को विधानसभा में हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम विधेयक पारित किया गया। 1867 में अंग्रेजों के समय का बनाया कानून अभी तक लागू था, लेकिन अब नया कानून इसकी जगह लेगा। सीएम ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि प्रदेश में सट्टेबाजी में लाखों लोग बर्बाद हो रहे हैं। बता दें कि लोकसभा व विधानसभा ही नहीं, शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में भी सट्टा चलता है। अकेले हरियाणा के नहीं बल्कि देश के हर राज्य के चुनावों में सट्टा लगाया जाता है। वहीं खेलों में सबसे अधिक सट्टा क्रिकेट पर लगता है। भारत और पाकिस्तान के बीच अगर क्रिकेट मैच होता है तो उस पर सबसे अधिक सट्टा लगाया जाता है।
विधेयक में सरकार ने स्पष्ट किया है कि मैच फिक्सिंग, चुनाव या खेलों में सट्टेबाजी, स्पॉट फिक्सिंग करने और इससे जुड़े सिंडिकेट से अब सख्ती से निपटा जाएगा। सट्टेबाजी या मैच फिक्सिंग में पहली बार पकड़े जाने पर एक साल और बार-बार वही अपराध करने पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान विधेयक में किया है। सब-इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के पुलिस अधिकारियों को ही जांच का अधिकार होगा। पुलिस अधिकारी किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकेगी। मौके से नकदी व अन्य सामग्री भी जब्त की जाएगी।
कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने विधेयक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बिल में कई खामियां हैं। उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बिल का अध्ययन किया है। हरियाणा में नया कानून लागू करने से पहले बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। इस कानून में कई आपत्तिजनक प्रावधान हैं, जिनके कारण अन्य माफिया समूहों का हरियाणा में प्रवेश आसान हो जाएगा। हालांकि सत्ता पक्ष ने उनकी बात नहीं मानी और विधेयक को पारित कर दिया गया।
विज और हुड्डा में चले शब्दबाण
सदन में जब विधेयक पर चर्चा हो रही थी तो कैबिनेट मंत्री अनिल विज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच नोक-झोंक भी हुई। दोनों आमने-सामने हो गए। विवाद के बीच विज ने हुड्डा की ओर इशारा करते हुए ‘हमने भी छुप-छुप कर जाते देखा उन गलियों में’ गाना सुनाया। विज के गाने को पूर्व मुख्यमंत्री ने असंसदीय बताया। साथ ही कहा- आगे से विज जब भी बोलेंगे तो हम (कांग्रेसी) कानों में ऊंगली डाल लेंगे। जवाबी हमले में विज बोले, मैन्ने सब पता है। मैं सब जानूं। फिर कहा- मैं बोलूंगा, बोलूंगा और जरूर बोलूंगा।
कांट्रेक्ट कर्मी नहीं हटेंगे, 240 दिन की शर्त हटाई
विभिन्न विभागों तथा बोर्ड-निगमों में कौशल रोजगार निगम के जरिए कांट्रेक्ट पर कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को रिटायरमेंट यापनी 58 वर्ष की उम्र तक नौकरी पर रखने के कानून में आ रही अड़चनों को सरकार ने दूर कर दिया है। संविदात्मक (कांट्रेक्ट) कर्मचारी सेवा की सुनिश्चिता संशोधन विधेयक पारित हुआ। संशोधन में सरकार ने कर्मचारी की नौकरी सुरक्षित करने के लिए कैलेंडर वर्ष में 240 दिन काम की शर्त को हटा दिया है। यह शर्त हटने के बाद नियुक्ति के दिन के बाद से एक साल में 240 दिन की सेवा पूरी करने और कुल पांच वर्ष से कार्यरत सभी कर्मचारी 58 वर्ष की उम्र तक काम करते रहेंगे। विधानसभा में हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक और अपर्णा संस्था (प्रबंधन तथा नियंत्रण ग्रहण विधेयक) भी सदन पटल पर रखे गए।
कमेटियों की बैठक को गंभीरता से लें : कल्याण
स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने इस बात से आहत दिखे कि कई विधायक विधानसभा कमेटियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। सदन में ही अपनी चिंता बताते हुए कल्याण ने कहा- यह बताना बड़ा बुरा लगेगा कि विधानसभा समितियों की बैठक में कई सदस्य विधायकों की हाजिरी बेहद कम है। वे बैठक में आते ही नहीं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन जो नहीं आ रहे हैं, उन्हें पता है। मेरा मानना है कि सभी को बैठक में आना चाहिए। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे समितियों की बैठकों में एजेड़ों पर पूरी तैयारी के साथ आएं।