Farmers Protest : खनौरी बॉर्डर पर भी पुलिस का एक्शन, हरियाणा की तरफ 60 प्रतिशत रास्ता खोला; हाईवे पर बनाई दीवारें तोड़ी
(नरेन्द्र जेठी)
नरवाना, 20 मार्च
पंजाब की सीमा के साथ लगते नरवाना के गांव दातासिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ 60 प्रतिशत रास्ता खोल दिया गया है। पोकलेन मशीन और जेसीबी से हाईवे पर बनाई दीवार को तोड़ा जा रहा है। अब पंजाब पुलिस द्वारा किसानों को हिरासत में लेने के बाद, हरियाणा पुलिस ने भी मामले में एक्शन लिया है और अवरोधक हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आज सुबह से ही हरियाणा पुलिस दातासिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर लगाए गए अवरोधकों को हटाने के काम में जुटी रही। इस कार्य के लिए भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दोपहर तक, एक साइड के अवरोधक पूरी तरह से हटा दिए गए, जिससे लोगों को राहत मिली। हालांकि, पंजाब की साइड पर अवरोधक हटाने में थोड़ा समय लग सकता है। दरअसल, यहां किसानों ने पक्के अवरोधक और अपने आशियाने भी बना रखे थे, जिन्हें तोड़ने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दातासिंह वाला-खनौरी बार्डर पर हरियाणा के बीच किसान आंदोलन के कारण पिछले 13-14 महीनों से बॉर्डर बंद थे। इससे न केवल यातायात बल्कि व्यापार पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा था। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों द्वारा पक्के अवरोधक डालकर रास्ते बंद किए गए थे, जिससे दोनों राज्यों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।
बड़ी सुरक्षा व्यवस्था और खतरे से निपटने के लिए पुलिस की तैयारी
हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी बल तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था इस कदर कड़ी की गई है कि किसी भी असामाजिक तत्व द्वारा शांति भंग करने की कोशिश को नाकाम किया जा सके। बॉर्डर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की झड़प या अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।
बॉर्डर खुलने की उम्मीद और जनता की खुशी
बॉर्डर पर हो रही इस कार्रवाई से इलाके के लोग बेहद खुश हैं। वे लंबे समय से प्रभावित हो रहे थे और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही यातायात सामान्य हो जाएगा। लोगों का कहना है कि बॉर्डर बंद रहने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था। सामान का जो परिवहन रूपए 100 में होता था, वह 300 में हो रहा था। इसके अलावा, लिंक रूटों पर यात्रा करने से कई सड़क हादसे भी हो रहे थे। बॉर्डर खुलने से न सिर्फ लोगों को समय की बचत होगी, बल्कि सामान के परिवहन में भी आसानी होगी।