मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

चौ. देवीलाल वृद्धाश्रम को मिशनरीज से मुक्त कराएगी संघर्ष समिति

01:36 PM Jun 07, 2023 IST

गुरुग्राम, 6 जून (हप्र)

Advertisement

लंबे समय से गुरुग्राम के सेक्टर- चार स्थित चौधरी देवीलाल वृद्धाश्रम को ईसाई मिशनरी संस्था के चंगुल से मुक्त कराने के लिए कार्यरत एन आइडियल सीनियर सिटीजन फेडरेशन एवं समग्र हिंदू सेवा संघ, हरियाणा ने संयुक्त रूप से वरिष्ठ नागरिक संघर्ष समिति का गठन किया है। आज सेक्टर -4 में दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों की हुई बैठक के बाद सीनियर सिटीजन फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पी एन मोगिया ने संघर्ष समिति के अध्यक्ष पद के लिए लोकतंत्र सेनानी महावीर भारद्वाज के नाम की घोषणा की। समिति के अन्य पदाधिकारियों में शीतला माता श्राइन बोर्ड के सदस्य ब्रह्म प्रकाश कौशिक को उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। संघर्ष समिति के संरक्षक के नाते प्रसिद्ध शिक्षाविद पी एन मोंगिया का नाम सर्वसम्मति से तय किया गया। महासचिव का दायित्व सेक्टर 4 की समाजसेवी योगिता कटारिया को कानूनी सलाहकार की जिम्मेदारी पूर्व न्यायाधीश अनिल कुमार विमल को दी गई। सेक्टर 4 निवासी नरवीर लाल चौधरी को कोषाध्यक्ष तथा केसी सैनी को मंत्री का कार्यभार सौंपा गया। सेक्टर -4 की स्वर्ण जयंती ब्लॉक की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष संजीव कुमार बंसल तथा सुभाष दुरेजा को कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया। इस अवसर पर महावीर भारद्वाज ने बताया कि 1 सप्ताह पूर्व एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला था। वरिष्ठ नागरिकों ने उपायुक्त से मांग की कि उक्त सचिव विकास कुमार को स्थानांतरित किया जाए जिससे वरिष्ठ नागरिकों को उनका घर वापस मिल सके। बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्यपाल से मिलकर सारे मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाएंगे।

प्रशासन ने मिशनरीज को सौंपा था जिम्मा

Advertisement

बैठक के बाद समिति के संरक्षक पी एन मोंगिया ने पत्रकारों को बताया कि सेक्टर चार स्थित वृद्धाश्रम को संचालित करने की जिम्मेदारी रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा एन आइडियल सीनियर सिटीजन फेडरेशन को 2007 में सौंपी गई थी। लेकिन 2010 में बिना कारण बताए जिला प्रशासन ने 1 घंटे के नोटिस में वृद्धाश्रम ईसाई मिशनरी सेंट जोसेफ सोसाइटी को कब्जा दे दिया गया। रेड क्रॉस के तथा ईसाई मिशनरी संस्था की मिलीभगत के फलस्वरूप इस गैर कानूनी आवंटन को अब तक लगातार जारी रखा गया है।

Advertisement