मंडियों में पीआर धान की एंट्री पर प्रशासन की रोक
करनाल, 22 सितंबर (हप्र)
धान की सरकारी बोली कब होगी, इसके बारे में कोई स्पष्ट तारीख न होने को देखते हुए जिला प्रशासन ने पीआर-धान को मंडियों में आवक पर ब्रेक लगाने का आदेश जारी किए हैं। सरकारी बोली के दौरान खरीद में फर्जीवाड़ा न हो सकें, इसके लिए नए आदेशों में स्पष्ट कर दिया है कि जो पीआर धान मंडियों में ई-नेम के तहत बिक चुकी हैं, उस गेट पास को ई-खरीद में नहीं बदला जाएगा यानी उसको सरकारी बोली में नहीं दिखाया जाएगा। ऐसे आदेश जारी होने से फर्जीवाड़ा करने की योजना बना रहे कई राईस मिलर्स के मनसूबों पर पानी फिर गया है। कई राइस मिलर्स किसानों से समर्थन मूल्य से 400-500 रुपए प्रति क्विंटल कम खरीदी गई पीआर धान को मंडियों से न उठाकर या जुगत के सहारे ई-खरीद के जरिए सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचकर भारी मुनाफा कमाना चाहते थे। ऐसी स्थिति को भांपते हुए जिला प्रशासन ने कदम उठाया है।
किसानों के सामने खड़ी हुई मुसीबत
इस फैसले से किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गयी है क्योंकि किसानों के पास पीआर धान को स्टॉक करने के कोई संसाधन नहीं है। मौसम खराब होने की चेतावनी जारी की जा रही है, ऐसे में किसान फसल लेकर मंडी में न लाकर कहां पर जाएगा। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकेश आहुजा ने बताया कि जो पीआर धान प्राइवेट खरीददारों ने खरीदी है, तुरंत ही मंडियों से उठान हो जाना चाहिए।
किसानों को परेशानी में डाल दिया : रतनमान
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार तय करें कि सरकारी खरीद कब शुरू होगी। किसान के पास संसाधन नहीं हैं कि वो फसल को स्टॉक कर सकें। अगर सरकार समय रहते अपने सिस्टम को ठीक कर लेती तो ऐसी नौबत नहीं आती, खरीद के लिए भाकियू ने प्रदर्शन भी किए। ये सरकार की बचकानी चाल है, अपनी नाकामी को छिपाने की वजह से किसानों को परेशानी में डाल दिया है। जिसका उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
आढ़ती किसानों को सूचित करें कि वे पीआर धान की सरकारी बोली होने से पहले मंडी में पीआर धान लेकर न आएं। यदि कोई किसान मजबूरी या किसी कारणवश धान लेकर आता है तो सचिव को सूचित करें। धान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही मंडी में लाएं। इस समय के बाद किसान की पीआर धान की एंट्री मंडी में नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा पीआर धान का कोई गेटपास ई-नेम से ई-खरीद में नहीं बदला जाएगा।
-भगवान दास मोदगिल, सचिव, मार्केट कमेटी