सुरक्षित जॉब के साथ सेवा का भी सुकून
राजेंद्र कुमार शर्मा
चिकित्सा संबंधी कार्यों को सामान्यत: सेवा के साथ जोड़कर देखा जाता है। डॉक्टर को ईश्वर का रूप माना जाता है और इस व्यवसाय में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ व फार्मेसी स्टाफ को भी उसी तरह का सम्मान प्राप्त होता है। नर्सिंग स्टाफ ऐसे कर्मचारी हैं जो रोगी के अस्पताल आने और स्वस्थ होकर घर वापस जाने तक रोगी के सबसे करीब रहते हैं, उसकी बीमारी की पीड़ा को महसूस करते हैं।
नर्सिंग स्टाफ सदा से ही डिमांड में रहा है। भारत ही नहीं, विदेशों में भी इस व्यवसाय के कुशल कर्मचारियों की बहुत मांग है। दुनिया भर में अनुमानित 29 मिलियन नर्स और 2.2 मिलियन दाइयां हैं। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक 4.5 मिलियन नर्सों और 0.31 मिलियन दाइयों की जरूरत होगी। भारत में ही 2025 तक लगभग 7- 8 लाख नई नसों की जरूरत है। मतलब साफ है कि इस क्षेत्र में कभी भी सैचुरेशन नहीं आने वाला।
भारत में नर्सिंग पाठ्यक्रम मुख्य रूप से 3 प्रकार के हैं : डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट नर्सिंग पाठ्यक्रम।
2 से 4 वर्ष का नर्सिंग डिग्री पाठ्यक्रम : बीएससी नर्सिंग भी इसी वर्ग में आता है। एक वर्ष से 2.5 वर्ष तक का डिप्लोमा नर्सिंग पाठ्यक्रम : नर्सिंग में डिग्री और डिप्लोमा कोर्स यूजी और पीजी दोनों स्तरों पर उपलब्ध हैं। छात्र कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नर्सिंग में डिग्री कोर्स कर सकते है। सर्टिफिकेट कार्यक्रम : नर्सिंग में सर्टिफिकेट कोर्स ज्यादातर स्नातक स्तर पर पेश किए जाते हैं। ये कोर्स आमतौर पर पेशेवर लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए करते हैं। नर्सिंग में स्नातक प्रमाणपत्र या डिप्लोमा पाठ्यक्रम छात्र कम समय में पैरामेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए सर्टिफिकेट या डिप्लोमा नर्सिंग कोर्स कर सकते हैं। नर्सिंग में अंडरग्रेजुएट सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स की अवधि 6 महीने से शुरू होकर 3 साल तक हो सकती है। डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के लिए नर्सिंग कोर्स की फीस नियमित यूजी या पीजी नर्सिंग डिग्री कोर्स की तुलना में कम है। जैसे एएनएम कोर्स अवधि 2 साल , फीस 10,000 से 60,000 रुपये। जीएनएम कोर्स अवधि 3-3.5 वर्ष, शुल्क 20,000 से 1.5 लाख रुपये।
इसके अलावा नेत्र चिकित्सा देखभाल प्रबंधन में उन्नत डिप्लोमा (2 साल), नर्सिंग में डिप्लोमा (1 वर्ष) आपातकालीन और आघात देखभाल तकनीशियन डिप्लोमा (2 साल),नर्सिंग प्रशासन में डिप्लोमा, (3 साल) , न्यूरो नर्सिंग पाठ्यक्रम (1 वर्ष), स्वास्थ्य सहायक डिप्लोमा (1 वर्ष), आयुर्वेदिक नर्सिंग सर्टिफिकेट (1 वर्ष), होम नर्सिंग कोर्स सर्टिफिकेट (1 वर्ष) और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सर्टिफिकेट कोर्स (6 माह) आदि भी देश में उपलब्ध हैं। इनका औसत पाठ्यक्रम शुल्क 10,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है।
स्पेशल कोर्स
बेसिक नर्सिंग कोर्स के बाद अब कई तरह के स्पेशल कोर्स भी उपलब्ध हैं, जैसे क्रिटिकल केयर नर्सिंग, इमरजेंसी एवं डिजॉस्टर नर्सिंग, नियोनेटल नर्सिंग, कर्डिएफथोरिकक नर्सिंग और भी कई ऐसे ही विशेष नर्सिंग डिप्लोमा हाल के दिनों में उभर कर सामने आये हैं, जिनको जॉब बाजार से जबरदस्त प्रोत्साहन मिल रहा है।
भारत में नर्सिंग कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रवेश परीक्षा या कक्षा 12 की योग्यता के माध्यम से आयोजित की जाती है। सभी इच्छुक उम्मीदवारों को मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ 12वीं या इसके समकक्ष उत्तीर्ण होना आवश्यक है। भारत में लोकप्रिय नर्सिंग प्रवेश परीक्षाओं में जेनपास और एम्स बीएससी नर्सिंग परीक्षा, एम्स एमएससी नर्सिंग परीक्षा, और जेईएमएससीएन आदि शामिल हैं।
रोजगार के अवसर
देश का कोई ऐसा क्षेत्र, कोई ऐसा शहर, कोई ऐसा कस्बा नहीं जहां नर्सिंग के क्षेत्र की नौकरी उपलब्ध न हो। बड़े शहरों में मौजूद हजारों नर्सिंग होम और सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों के कारण नर्सों की जबरदस्त डिमांड है। नर्सिंग ग्रेजुएशन के बाद की जाने वाली कुछ सामान्य नौकरी मुख्य नर्सिंग अधिकारी, नर्स एजुकेटर, क्रिटिकल केयर नर्स, क्लिनिकल नर्स मैनेजर और रजिस्टर्ड नर्स आदि हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर। आचार्य स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान, बैंगलोर। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा। सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे। एनआईएमएस विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान। कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मंगलौर, कर्नाटक। जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल रिसर्च एंड एजुकेशन, पांडिचेरी, पुड्डुचेरी। मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी, उत्तर प्रदेश। अपोलो स्कूल ऑफ नर्सिंग, चेन्नई। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, चंडीगढ़।