शिक्षा और संस्कारों का संगम ही सफलता की कुंजी : बालकनाथ योगी
रोहतक, 27 मार्च (हप्र)
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में ओरिएंटेशन प्रोग्राम व विश्वविद्यालय की साझा दृष्टि के तहत प्रॉस्पेक्टस सत्र का विमोचन किया गया। मुख्यातिथि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालकनाथ योगी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि ज्ञान, नैतिकता और सेवा भाव के साथ समाज एवं राष्ट्र निर्माण करना है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जिस प्रकार मठ एवं आध्यात्मिक संस्थाएं समाज को दिशा देने का काम करती हैं, उसी प्रकार विश्वविद्यालयों को भी छात्रों के चरित्र निर्माण और सामाजिक उत्थान में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हमारी सोच सकारात्मक होगी तो संस्था आगे बढ़ेगी। कुलाधिपति ने छात्रों को संबाेधित करते हुए कहा कि आपका व्यक्तित्व, आपका आचरण और आपका ज्ञान ही संस्था की पहचान बनता है। इस सत्र से बीटेक एवं बीसीए में दाखिला लेने वाले छात्रों को फ्री लैपटॉप दिए जाएंगे, जिससे डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। विश्वविद्यालय में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी एवं पूरे परिसर में फ्री वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी। छात्रावासों में आधुनिक जिम और व्यायाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कुलपति डॉ. एचएल वर्मा ने कहा कि एक शिक्षक का योगदान केवल कक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह समाज निर्माण की नींव रखता है। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय हरियाणा में आयुर्वेद के क्षेत्र में नंबर-1 संस्थान बन चुका है और राष्ट्रीय स्तर पर 26वें स्थान पर है। कार्यक्रम के समापन पर कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय उनके सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य करता रहेगा। मंच संचालन करते हुए फाॅर्मेसी डीन डॉ. पवन जलवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल विश्वविद्यालय की आगामी योजनाओं का परिचायक नहीं है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत भी है।