अभिभावकों को लूट रहे निजी स्कूल संचालक, सरकार देख रही तमाशा
पूर्व मंत्री एवं सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका हैै और निजी स्कूल संचालक दोनों हाथों से अभिभावकों को सरेआम लूट रहे हैं और सरकार है कि हाथ पर हाथ रखकर तमाशा देख रही है। ऐसा लग रहा है कि सरकार ने निजी स्कूलों को लूटने का ठेका दिया हुआ है, अभिभावक बच्चों के भविष्य की खातिर चुप्पी साध जाते हैं। अगर सरकार ने सरकारी स्कूलों के हालात सुधारने पर ध्यान दिया होता तो अभिभावक लुटने को मजबूर न होते। कमीशन के खेल में आम आदमी बुरी तरह से पिस रहा है, सरकार है कि शिक्षा को व्यवसाय बनाने पर तुली हुई है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि निजी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होते ही अभिभावकों की जेब ढीली होनी शुरू हो गई है। अभिभावक निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा बताई गई दुकानों से महंगे दाम में कॉपी-किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म खरीदने पर मजबूर हैं। नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक करीब तीन से सात हजार रुपए कॉपी-किताबें खरीद रहे हैं। पहले जहां पर्ची पर बुकसेलर का पता भी लिखकर दिया जाता है, अब पता मौखिक बताया जाता है। शिक्षा विभाग शिक्षा विभाग खानापूर्ति के लिए ही निजी स्कूल संचालकों को पत्र जारी कर निर्देश देता है जबकि सब मिले हुए हैं। अभिभावक शिकायत भी करता हैै तो आज तक किसी भी स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अभिभावक महंगी कॉपी-किताबें खरीदने को बेबस हैं।