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World Health Day 2025 : कीमोथेरेपी की थकान, डायलिसिस के बाद सुस्त... PGI में दिखा ऐसा नजारा; मरीजों के बीच पहुंचा स्वास्थ्य संदेश

07:23 PM Apr 07, 2025 IST

चंडीगढ़, 7 अप्रैल।
किसी को कीमोथेरेपी की थकान है, कोई डायलिसिस के बाद सुस्त बैठा है। परिजनों की आंखों में चिंता की लकीरें हैं। इलाज लंबा है, जेबें हल्की हैं और सेहत की समझ अधूरी। सोमवार को पीजीआई परिसर स्थित गुरुद्वारा सराय में कुछ अलग ही नजारा था।

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यहां पीजीआईएमईआर के डायटेटिक्स विभाग ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर मरीजों और तीमारदारों के बीच पहुंचकर स्वास्थ्य और पोषण का संदेश दिया। इस विशेष आयोजन की अगुवाई मुख्य डायटिशियन डॉ. नैन्सी साहनी और वरिष्ठ डायटिशियन बीएन बेहरा ने की। पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल मुख्य अतिथि और मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में डायटेटिक्स विभाग की प्रभारी डॉ. नवनीत ढिल्लों भी उपस्थित रहीं।

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सेहत अच्छी तो सब कुछ अच्छा
निदेशक प्रो. विवेक लाल ने सरल शब्दों में गहरी बात कही, “सेहत अच्छी रखने का पहला कदम है – अच्छा खाना, समय पर सोना-जागना और मन को सकारात्मक रखना। जब बच्चे बीमार पड़ते हैं, तो इसका सीधा संबंध उनकी परवरिश से जुड़ता है। इसलिए स्वास्थ्य शिक्षा की शुरुआत घर से होनी चाहिए – माता-पिता को खुद उदाहरण बनना होगा।”

दवा से पहले दावत समझो
मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल ने कहा, “दवा के साथ-साथ आहार, जांच और जागरूकता भी जरूरी है। यही वजह है कि यह शिविर मरीजों और उनके परिजनों को सशक्त बनाने का एक प्रयास है– ताकि वे इलाज के दौरान भी खुद के लिए बेहतर फैसले ले सकें।”

लंगर भी बना स्वास्थ्य शिक्षा का माध्यम
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें गुरुद्वारे के लंगर को भी चर्चा में लाया गया। डायटिशियनों ने बताया कि कैसे लंगर का पोषण मूल्य समझकर लोग उसे और संतुलित तरीके से अपना सकते हैं।

शिविर में क्या-क्या हुआ: बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस (BMI, फैट मास, विसरल फैट), मरीजों के लिए व्यक्तिगत आहार सलाह, संवादात्मक स्वास्थ्य वार्ता, उपलब्ध संसाधनों में संतुलित आहार कैसे लें – इस पर मार्गदर्शन।

उन तक पहुंचना, जो अब तक छूटे रहे
मुख्य डायटिशियन डॉ. नैन्सी साहनी ने कहा, “हमारा उद्देश्य है– Reach the Unreachable। यानी उन तक पहुंचना, जो अक्सर ऐसी सलाह से वंचित रह जाते हैं। यही असली ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ है- जब हम जमीन पर उतरकर लोगों से जुड़ें।”

गौरतलब है कि पीजीआई की यह सराय देशभर से आए सैकड़ों मरीजों और उनके परिजनों के लिए एक अस्थायी घर है, जो महीनों तक यहां इलाज कराते हैं। इसीलिए पीजीआई का यह प्रयास उनके दरवाजे तक स्वास्थ्य का संदेश पहुंचाने जैसा है। कार्यक्रम की सफलता में गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने भी पूरा सहयोग दिया।

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