कल्पनाशील कहानियां बुनने से पड़ी सिनेमा में भविष्य की नींव : इम्तियाज अली
यशपाल कपूर/निस
सोलन, 28 मार्च
शूलिनी लिटफेस्ट के पांचवें संस्करण की शुरुआत शुक्रवार को साहित्य, सिनेमा, संगीत और मीडिया की जानी-मानी हस्तियाें की मौजूदगी में हुई। यह महोत्सव विचारों, रचनात्मकता और साहित्यिक प्रतिभा के जीवंत संगम के रूप में सामने आया। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता इम्तियाज अली ने अपने जीवन दर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, और दर्शकों से केवल अंतिम लक्ष्य का पीछा करने के बजाय अपनी यात्रा को अपनाने का आग्रह किया। चीफ लर्निंग ऑफिसर डॉ. आशू खोसला के साथ बातचीत में इम्तियाज अली ने छात्रों से कहा कि हर किसी को यात्रा का आनंद लेना चाहिए और उनसे अपनी प्रवृत्ति का पालन करने, अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने और जो वास्तव में आपके साथ प्रतिध्वनित होता है, उसका पीछा करने के लिए कहा।
जमशेदपुर में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए अली ने बताया कि कैसे कहानी कहने के प्रति उनका आकर्षण बचपन में शुरू हुआ, कल्पनाशील कहानियां बुनने से सिनेमा में उनके भविष्य की नींव पड़ी। उन्होंने अपनी अनूठी कहानी कहने की आवाज़ को अपनाने के महत्व पर जोर दिया, और महत्वाकांक्षी कलाकारों को प्रामाणिक कथाएँ बनाने के लिए व्यक्तिगत अनुभवों और सांस्कृतिक जड़ों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके स्पष्ट उपाख्यानों ने दर्शकों को रचनात्मक प्रक्रिया और अपनी कलात्मक दृष्टि के प्रति सच्चे रहने के महत्व की गहरी समझ प्रदान की।
युवा मोबाइल साइड में रख, डूबे किताबों में : कंवलजीत सिंह
एक अन्य सत्र में अनुभवी अभिनेता कंवलजीत सिंह ने डिजिटल के दौर में पढ़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, युवाओं को अपने मोबाइल फोन को एक तरफ रखकर किताबों में डूबने की जरूरत है। पढ़ने से शब्दावली और ज्ञान समृद्ध होता है। दृष्टिकोण काे वह आकार मिलता है जो कोई स्क्रीन नहीं दे सकती। अनुभवी पत्रकार और स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशंस के निदेशक विपिन पब्बी के साथ एक रोमांचक सत्र में सिंह ने अपने करियर और फिल्म मिसेज में अपनी भूमिका के किस्से साझा किए, जिसमें बताया कि कैसे इस अनुभव ने उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से बदल दिया। हास्य और ज्ञान से भरे उनके सत्र ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा, जीवन में हर भूमिका के लिए मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की फिटनेस महत्वपूर्ण है। व्यक्ति को हमेशा तैयार रहना चाहिए, जोखिम उठाना चाहिए और आराम के दायरे से बाहर निकलना चाहिए। लिटफेस्ट निदेशक डॉ. आशू खोसला ने महोत्सव की विविध कार्यशालाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें स्क्रीन अनुकूलन, माइंडफुलनेस, कठपुतली और फिलैटली जैसे विषयों को शामिल किया गया, जिससे प्रतिभागियों को सीखने के अनुभव प्राप्त हुआ। इसके साथ ही, शूलिनी फ्लावर फेस्ट का उद्घाटन किया गया।