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मेयर की बैठक छोड़ने वाले एसई को विज ने किया सस्पेंड

08:43 AM Sep 09, 2021 IST

गुरुग्राम, 8 सितंबर (हप्र)

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मेयर मधु आजाद की अध्यक्षता वाली समीक्षा बैठक को बीच में छोड़कर जाने वाले एसई रमेश शर्मा को शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। मंत्री ने ये आदेश पार्षदों की शिकायत के बाद दिए। मेयर मधु आजाद ने अनिल विज के समक्ष एसई पर आदेशों की नाफरमानी व बदसलूकी का भी आरोप लगाया।

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज यहां पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस पहुंचे थे। इस दौरान मेयर मधु आजाद की अध्यक्षता में 20 से अधिक पार्षदों ने उनसे मुलाकात की। इन्होंने अनिल विज को बताया कि एसई रमेश शर्मा का व्यवहार न सिर्फ पार्षदों बल्कि निगम सदन की गरिमा के खिलाफ भी है। मेयर के अनुसार उन्होंने एसई को एक साइट विजिट करने के निर्देश दिए थे लेकिन उन्होंने न तो अपने किसी अधीनस्थ अधिकारी के मार्फत साइट विजिट संबंधी ब्यौरा उन्हें दिया और नहीं वह खुद निरीक्षण करने गए। इस बारे में जब उन्होंने एसई से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने भरी बैठक में गरिमा भंग करने वाले शब्दों का प्रयोग करते हुए उल्टा उन पर बेबुनियाद आरोप लगा दिए। मेयर ने आरोप लगाया कि अभद्र व्यवहार कर एसई बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए।

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इस दौरान डिप्टी मेयर सुनीता यादव, मिथलेस बरवाल, सीमा पाहूजा, रविंद्र यादव, विरेंद्र राज यादव, शकुंतला यादव, दिनेश सैनी, रजनी साहनी, सुनीता नीरज यादव समेत अनेक पार्षदों भी एसई रमेश शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए। इन्होंने अनिल विज को एसई के खिलाफ एक ज्ञापन भी सौंपा। देर शाम स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से एसई रमेश शर्मा को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए गए।

अधिकारियों ने दी हड़ताल की चेतावनी

पार्षदों द्वारा स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज से मुलाकात की जानकारी मिलते ही इंजीनियरिंग विंग के कुछ अधिकारी निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा से मिलने पहुंच गए। इन्होंने निगम कमिश्नर को सौंपे एक पत्र में एसई रमेश शर्मा के निलंबन का विरोध करते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि पार्षदों के अभद्र व्यवहार व गाली गलौज के कारण उन्हें काम करने में दिक्कत होती है। उन्होंने निलंबन को बिना शर्त वापस लेने की मांग भी की।

लोगों से संपर्क बनाये रखें अधिकारी

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रत्येक जोन के डीसीपी स्तर पर एमिनेंट व्यक्तियों की एक कमेटी बनाई जाए, जिनके साथ महीने-दो महीने में चाय पर चर्चा की जाए। इससे आम जनता और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा व उनसे फीडबैक भी मिलेगा। इससे पुलिस की छवि सुधारने और जरूरी संदेश भी आमजन तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी। वह गुरुग्राम में पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने करीब तीन घंटे तक अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर क्षेत्रवार संबंधित डीसीपी से जानकारी हासिल की। खासतौर पर उन्होंने जघन्य अपराध की स्थिति के बारे में रिपोर्ट ली। चारों डीसीपी से पूछा कि उसके क्षेत्र में जघन्य अपराधों के कितने केस लंबित हैं और उसके पीछे कारण क्या हैं। उन्होंने सभी डीसीपी को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में कम से कम एक पुलिस थाने का दौरा अवश्य करें तथा वहां के रजिस्टर में भी एंट्री करें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को हर रोज अपने कार्यालय में जनता दरबार लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था का भी जायजा लिया

पुलिस अधिकारी सम्मानित

गृहमंत्री ने सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया। इनमें महिला पुलिस थाना मानेसर की थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम हुड्डा, एएसआई हरपाल, एएसआई दीपक कुमार तथा एएसआई नवीन कुमार भी शामिल हैं।

एसएचओ को फोन के साथ अफसर हुए सक्रिय

डीसीपी मकसूद अहमद से गृहमंत्री अनिल विज ने सवाल किया कि उन्होंने आखिरी बार किस थाने का दौरा किया। उनके जवाब के बाद उन्होंने डीसीपी को संबंधित थाने के एसएचओ को फोन मिलने के निर्देश दिए। इस पर पुलिस कमिश्नर केके राव ने एसएचओ को फोन मिलाकर मंत्री को थमा दिया। मंत्री ने जैसे ही एसएचओ से सवाल जवाब किए तो बैठक में मौजूद सभी अधिकारी अपने व्हाट्सएप पर सक्रिय हो गए। इन्होंने अपने इलाकों के एसएचओ को मंत्री के फोन के लिए तैयार रहने के लिए अागाह कर दिया।

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