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षष्ठम‍्-कात्यायनी

07:18 AM Apr 03, 2025 IST

नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कत नाम के एक प्रसिद्ध ऋषि के पुत्र ऋणि कात्य के गोत्र में महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे जिनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म ले। भगवती ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली थी। इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। भक्तगण मां कात्यायनी की आराधना करते समय इस श्लोक को पढ़ कर मां का ध्यान करते हैं।
‘चन्द्र हासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।’

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