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परिवार के मुखिया ने ही की थी पत्नी व बच्चों की हत्या

08:52 AM Mar 24, 2025 IST
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बहादुरगढ़, 23 मार्च (निस)
शहर के सेक्टर 9 स्थित मकान में शनिवार की शाम को हुए ब्लास्ट के दौरान चार लोगों की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। यह घटनाक्रम कोई हादसा नहीं, बल्कि परिवार के ही मुखिया की सोची समझी साजिश थी। पहले उसने नींद की गोलियां खिलाकर परिवार को बेहोश किया। फिर रस्सी, हाथों से गला दबाया तथा तेज हथियार से वार किए।
इसके बाद उनके ऊपर तेल डालकर आग के हवाले कर दिया। हालांकि खुद को भी मारने का प्रयास किया लेकिन भय के चलते अपने कदम पीछे खींच लिए। मकान से पुलिस को बोतल में पेट्रोल तथा एक नोट भी बरामद हुआ है।
नोट में आरोपी ने अपनी बहन व जीजा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरी कहानी बयां की है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या की धारा के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
शनिवार शाम को घर में लगी थी आग
रविवार को डीसीपी मयंक मिश्रा ने खुलासा किया कि सेक्टर 9 में स्थित एक मकान में शनिवार की देर शाम को धमाके के साथ आग लग गई थी। जब बचाव कार्य शुरू हुआ तो मकान में हरपाल नाम का शख्स घायल अवस्था में मिला जिसे पीजीआई रोहतक रेफर किया गया। जबकि मौके पर कमरे में चार शव भी बरामद हुए। ये शव हरपाल की पत्नी संदीप कौर 38, बेटी 11 वर्षीय चहक, बेटे 17 वर्षीय जसकीरत तथा 9 वर्षीय सुखविंद्र के थे। हरपाल उत्तराखंड के रुद्रपुर का है जो पेशे से ट्रांसपोर्टर है। नोट में हरपाल ने अपनी बहन व जीजा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस 12 पेज के सुसाइट नोट में हरपाल ने लिखा है कि ‘मैं आज पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने जा रहा हूं। इसकी वजह मेरे जीजा दलजीत व बहन परविंद्र हैं। इन्होंने धोखाधड़ी से मेरे मकान की अपने नाम रजिस्ट्री करा ली। अब भाग-भाग कर थक गया हूं। इसलिए परिवार सहित मौत को गले लगा रहा हूं।’ डीसीपी मयंक मिश्रा ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने वारदात कबूल कर ली है। प्रॉपर्टी विवाद के बाद यह वारदात अंजाम दिए जाने की बात सामने आ रही है।

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हत्या को माना जा रहा था हादसा

प्रारंभिक तौर पर मामले को हादसा माना जा रहा था। लेकिन मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने खुद एसीपी प्रदीप कुमार व थाना प्रबंधक शहर बहादुरगढ़ के साथ मौके का मुआयना किया था और मौके पर बैलेस्टिक व फॉरेंसिक टीम के साथ मिलकर गहनता से जांच की गई थी। धमाके तथा मकान के अंदर बने हालातों सहित कई पहलुओं को देखते हुए पुलिस को मामले में कुछ और शंका थी। जांच के दौरान एक बोतल में पेट्रोल तथा कमरे से सुसाइड नोट बरामद हुआ। पुलिस ने वह नोट पढ़ा तो पूरा मामला साफ हो गया। सामने आया कि यह कोई हादसा नहीं था बल्कि हरपाल ने खुद ही पूरी साजिश रची थी। उसी ने पहले अपने बीवी बच्चों की हत्या की और उन्हें आग के हवाले किया। बाद में खुद भी मरने की कोशिश की। आग लगने के बाद ही एसी की इंटरनल यूनिट में ब्लास्ट होने की बात सामने आई है।

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