सतलुज पुल की हालत खस्ता, लोग परेशान
सुरजीत सिंह/निस
समराला, 3 अप्रैल
यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर मालवा और दोआबा को जोड़ने वाले कस्बा राहों के निकट सतलुज पुल की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। यह पुल अपनी स्थिति खुद बयां करता है, क्योंकि इसके चारों ओर लगी रेलिंग पूरी तरह टूट चुकी है, और जो बची हुई है, उसे भी जंग खा रही है। पुल की सड़क जगह-जगह से टूटी हुई है, जिससे कई गड्ढे बन चुके हैं। पुल पर लगी लाइटें और खंभे भी राहगीरों के लिए किसी काम के नहीं हैं, क्योंकि वे लंबे समय से नहीं जलतीं। माछीवाड़ा साहिब से राहों पुल पर चढ़ते ही सड़क का चौथा हिस्सा बरसात के पानी में बह चुका है। यदि इसे जल्द ठीक नहीं किया गया, तो किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। गत वर्ष सतलुज पुल की स्लैब धंसने के कारण भारी वाहनों के यातायात पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन आजकल तड़के सुबह हजारों की संख्या में रेत-बजरी से भरे ओवरलोड टिप्पर और ट्रक बेरोकटोक गुजरते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता शिव कुमार शिवली ने कहा कि यह सतलुज पुल शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान बनाया गया था, लेकिन उसके बाद किसी ने इसकी देखभाल नहीं की। यदि समय-समय पर इसकी मुरम्मत की जाती तो आज इसकी इतनी दयनीय हालत न होती। उन्होंने कहा कि माछीवाड़ा अनाज मंडी में दरिया के उस पार से भी किसान अपनी फसलें लेकर आते-जाते हैं, इसके अलावा यहां से पढ़ने वाले छात्र और नौकरीपेशा लोग भी रोजाना गुजरते हैं। यदि इस पुल का जल्द नवीनीकरण नहीं किया गया, तो हर वर्ग के लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उधर संबंधित विभाग के एस.डी.ओ. हिमांशु ने कहा कि पुल की टेस्टिंग के लिए यह मामला उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। जब तक पुल की पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक भारी वाहनों का आना-जाना बंद कर दिया गया है। शिव कुमार शिवली ने मांग की है कि पुल की जल्दी मुरम्मत करवाकर उसे वाहनों के लिए खोल दिया जाए।