भारतीय दूतावासों में घुस कर दस्तावेज ले गए तालिबान
नयी दिल्ली/काबुल, 20 अगस्त (एजेंसी)
अफगानिस्तान के कंधार और हेरात में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों में तालिबान द्वारा ताले तोड़ कर घुसने और वहां तलाशी लिये जाने की सूचना है। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार बंद कर दिये गये इन दूतावासों में से 2 दिन पूर्व तालिबान कुछ दस्तावेज भी उठाकर ले गये। इतना ही नहीं, इन्होंने अंदर खड़े वाहनों को भी वहां से उठा लिया।
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में भारत के 4 वाणिज्य दूतावास- कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद में हैं। विगत 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के घटनाक्रम के साथ ही इन्हें भारत ने बंद कर दिया था।
31 का इंतजार कर रहा तालिबान
इस दौरान तालिबान वार्ता से जुड़े अफगान अधिकारी ने कहा कि आगामी सरकार के बारे में कोई भी निर्णय करने या घोषणा करने के बारे में समूह (तालिबान) की 31 अगस्त तक कोई योजना नहीं है। यह तारीख अमेरिका के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूर्ण होने की है। नाम उजागर न करने की शर्त पर इसने कहा कि तालिबान के मुख्य वार्ताकार अनस हक्कानी ने अपनी पूर्व सरकार के वार्ताकारों से कहा है कि समूह का अमेरिका के साथ समझौता है कि अंतिम वापसी प्रक्रिया की तारीख तक ‘कुछ नहीं करना है।’ उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या कुछ नहीं करने का संदर्भ केवल राजनीतिक क्षेत्र के लिए है।
हथियारों को लेकर बाइडेन प्रशासन से मांगा जवाब
वाशिंगटन : रिपब्लिकन पार्टी के 24 से अधिक सीनेटरों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के हथियार तालिबान के हाथ लगने को लेकर जो बाइडेन प्रशासन से जवाब मांगा है। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को लिखे पत्र में इन्होंने कहा, ‘हम यह देखकर बेहद डर गए कि यूएच-60 ब्लैक हॉक्स समेत अमेरिका के कई उपकरण तालिबान के हाथ लग गए हैं।’ सांसदों ने बाइडेन प्रशासन से करदाताओं के पैसे से खरीदे सैन्य उपकरणों का हिसाब मांगा है। पत्र में उन्होंने लिखा, ‘इस बात की भी आशंका है कि तालिबान इन उपकरणों के इस्तेमाल के लिये प्रशिक्षण, ईंधन या बुनियादी सुविधाओं के लिए रूस, पाकिस्तान, ईरान या चीन की मदद मांग सकता है।