Road Safety New School : जब डॉक्टर बने 'हीरो' और ट्रैफिक पुलिस बनी 'गुरु'!
विवेक शर्मा/ चंडीगढ़, 24 मार्च (ट्रिन्यू)
Road Safety New School : सिर सलामत तो जिंदगी हसीन! शनिवार सुबह सुखना झील पर लोगों को यह सीख देने पहुंचे न कोई फिल्मी सितारे थे और न ही कोई बड़े नेता, बल्कि शहर के डॉक्टर और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें हेलमेट पहनने की अहमियत और सिर की चोटों से बचाव के तरीके बताए गए।
सुबह की सैर पर निकले लोगों को उस वक्त हैरानी हुई जब ट्रैफिक पुलिस ने हेलमेट के सही इस्तेमाल पर लाइव प्रदर्शन किया। इंस्पेक्टर डॉ. प्रवेश शर्मा और उनकी टीम ने दिखाया कि गलत तरीके से पहना गया हेलमेट जानलेवा हो सकता है। किसी ने हेलमेट की पट्टी नहीं बांधी थी, तो किसी का हेलमेट सिर से बड़ा था—यानि सुरक्षा अधूरी!
नुक्कड़ नाटक : जब गलती ने ली जान
पीजीआईएमईआर की न्यूरो टीम ने नुक्कड़ नाटक के ज़रिए एक मार्मिक दृश्य प्रस्तुत किया। इसमें दिखाया गया कि बिना हेलमेट बाइक चलाने वाले युवक का एक्सीडेंट हो जाता है और सिर में गंभीर चोट लगती है। डॉक्टर अस्पताल में उसके परिवार को समझाते हैं कि यदि उसने हेलमेट पहना होता, तो जान बच सकती थी। यह दृश्य देखकर कई लोगों की आंखें नम हो गईं।
डॉक्टरों की ‘वॉकथॉन’ से मिला खास संदेश
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विपिन कौशल और डीन डॉ. आर. के. राठौ के नेतृत्व में डॉक्टरों और छात्रों ने वॉकथॉन निकाली। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिनमें लिखा था 'हेलमेट नहीं, तो सफर नहीं', 'गति नहीं, सुरक्षा पहली प्राथमिकता'। लोगों ने न केवल इन संदेशों को पढ़ा, बल्कि इनमें छिपी सीख को भी समझा।
सिर पर हेलमेट नहीं, तो जिंदगी की गारंटी नहीं
प्रो. निधि पांडा, प्रो. हेमंत भगत और डॉ. अमिया कुमार बारिक ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोट सबसे घातक होती है, लेकिन समय पर इलाज मिले और सावधानी बरती जाए, तो कई जानें बचाई जा सकती हैं।