Prem Chandra Agarwal resigns : इस्तीफा देकर भावुक हुए अग्रवाल, कहा- ‘एक आंदोलनकारी को निशाना बनाना ठीक नहीं'
देहरादून, 16 मार्च (भाषा)
उत्तराखंड सरकार में संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भावुक हुए प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि जिस व्यक्ति ने प्रदेश के गठन में अहम भूमिका निभाई और लाठियां खाईं, उसे निशाना बनाया जाना ठीक नहीं है।
विधानसभा में ‘अभद्र टिप्पणी' को लेकर विरोध का सामने कर रहे अग्रवाल पृथक उत्तराखंड आंदोलन खासकर मुजफफरनगर कांड के अपने दिनों को याद करते हुए भावुक हो गए। अग्रवाल ने इस्तीफा देने से पहले पृथक उत्तराखंड आंदोलन के दौरान अपनी भूमिका को याद किया और कहा कि 2 अक्टूबर, 1994 को जब मुजफफरनगर में आंदोलनकारियों पर गोलियां बरसाई गयीं तो वह फौरन दिल्ली से अकेले ट्रक में बैठकर मेरठ और फिर वहां से मुजफफरनगर में मौके पर पहुंचे और घायल आंदोलनकारियों की सहायता की। अग्रवाल ने आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठियां भी खाईं।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने उत्तराखंड को बनाने में अहम भूमिका निभाई और लाठियां खाईं, उसे निशाना बनाया जाना ठीक नहीं है। प्रदेश में जिस तरह का वातावरण बनाया गया, उससे उन्हें बहुत कष्ट हुआ है। एक आंदोलनकारी की बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिसका मुझे दुख है और मैं बेहद आहत हूं। वह राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबाल के खिलाड़ी भी रहे हैं। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड बनाया और आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसे संवार रहे हैं।
अग्रवाल ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है लेकिन वह उत्तराखंड के लिए हमेशा काम करते रहेंगे। राज्य विधानसभा में पिछले महीने अग्रवाल द्वारा की गयी ‘अभद्र टिप्पणी' को लेकर उनके खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था।