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Himachal Budget 2025-26: दूध के समर्थन मूल्य में छह रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी, पर्यटन पर जोर

03:20 PM Mar 17, 2025 IST
बजट भाषण देते सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू। डीपीआर

ज्ञान ठाकुर/हप्र, शिमला, 17 मार्च

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Himachal Budget 2025-26: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट अनुमान 2025-26 प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेजें थपथपाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

सुक्खू ने बजट अनुमानों की शुरूआत में शेर पढ़ा। उन्होंने कहा- न गिराया किसी को कभी न किसी को उछाला, जहां आप पहुंचे छलांगें लगा-लगाकर, मैं भी वहां पहुंचा धीरे-धीरे। सुक्खू आपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश के रहे हैं। उन्होंने शुरुआत करते हुए कहा की यह बजट प्रदेश के हर वर्ग के सर्वांगीण विकास का बजट होगा।

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उन्होंने प्रदेश की आर्थिक स्थिति के साथ साथ रोजगार पर चिंता जताई है। उन्होंने पिछले साल को प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती पूर्ण बताते हुए कहा कि चुनौती को पार करते हुए प्रदेश के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध रही। उन्होंने पिछले साल आई आपदा का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने आपदा में प्रभावित लोगों की आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी की भी बात की।

मुख्यमंत्री ने बताया एक्साइज पॉलिसी में बदलाव की वजह से स्टेट एक्साइज ड्यूटी और वैट में 867 करोड़ की वृद्धि हुई। अगले वित्तीय वर्ष में 300 करोड़ की वृद्धि का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा 14वें वित्त वर्ष की सिफारिश पर 2015 से 2019 तक 40624 करोड़ रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (RDG) में मिले थे इस हिसाब से हर साल 8 हजार करोड़ मिले थे। साल 2020 से 2025 के बीच RDG 40624 करोड़ से घटकर 37199 करोड़ रह गई।

मुद्रास्फीति बढ़ने के हिसाब से यह 30 हजार करोड़ से भी कम है। उन्होंने कहा कि 2020-21 में RDG में हिमाचल को 10249 करोड़ मिले थे। 2024-25 में 6258 करोड़ मिलेंगेसीएम ने कहा 14वें वित्त वर्ष की सिफारिश पर 2015 से 2019 तक 40624 करोड़ रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (RDG) में मिले थे। यानी हर साल 8 हजार करोड़ मिले थे। 2020 से 2025 के बीच RDG 40624 करोड़ से घटकर 37199 करोड़ रह गई। मुद्रास्फीति बढ़ने के हिसाब से यह 30 हजार करोड़ से भी कम है।

उन्होंने कहा कि 2020-21 में RDG में हिमाचल को 10249 करोड़ मिले थे। 2024-25 में 6258 करोड़ मिलेंगे जबकि साल 2025-26 में यह कम होकर 3257 करोड़ रह जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को 76185 करोड़ रुपए का ऋण पिछली सरकार से विरासत में मिल़ा और 12266 करोड़ रुपए ब्याज भुगतान, 8087 करोड़ ऋण वापसी पर खर्च किए। करंट फाइनेंशियल ईयर में उनकी सरकार ने 29046 करोड़ रुपए का ऋण लिया। इसमें से 8 हजार करोड़ रुपए विकास कार्य के लिए बचे, जबकि 70 प्रतिशत लोन की राशि पुराने कर्ज का मूलधन और ब्याज चुकाने पर खर्च की गई है।

सुक्खू कहा कि राज्य सरकार कम चर्चित पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने के अलावा धार्मिक और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देगी। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करते हुए, सुक्खू ने कहा कि यह साल वित्तीय चुनौतियों से भरा है, क्योंकि राजस्व घाटा अनुदान कम कर दिया गया है और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा रोक दिया गया है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और कम चर्चित पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा चाय बागानों को पर्यावरण के अनुकूल गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य की ऋण देनदारी बढ़कर 1,04,729 करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें 29,046 लाख रुपये वर्तमान सरकार ने लिए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में लिए गए ऋण का 70 प्रतिशत पिछली सरकार के कर्ज और उसके ब्याज को चुकाने पर खर्च किया गया। ऐसे में विकास गतिविधियों पर केवल 8,093 रुपये खर्च किए गए। उन्होंने गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में छह रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 45 रुपये से 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की।

सुक्खू ने कहा कि 2025-26 में एक लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है। अबतक लगभग 1.58 लाख किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप से कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हमीरपुर में मसाला पार्क स्थापित करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के तहत लगे श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 20 रुपये बढ़ाकर 300 रुपये से 320 रुपये प्रतिदिन की गई है। हिमाचल प्रदेश में नशे की लत से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के गठन की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि 2025-26 में करीब 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी और अगले वित्त वर्ष में शिमला रोपवे परियोजना शुरू की जाएगी।

बजट के मुख्य बिंदु

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

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