PGIMER Chandigarh : शव से सीखेंगे जीवन देने की कला! पंजाब में पहली बार हुआ अनोखा अंग प्रत्यारोपण वर्कशॉप
विवेक शर्मा
चंडीगढ़ , 28 मार्च
PGIMER Chandigarh : "मृत्यु के बाद भी जीवन देना संभव है!" इसी संदेश को साकार करने के लिए पंजाब में पहली बार कैडैवर (शव) पर हाथों-हाथ प्रशिक्षण वर्कशॉप आयोजित की गई। PGIMER चंडीगढ़ के रीजनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (ROTTO North) द्वारा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) पटियाला में इस अनूठे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य डॉक्टरों को मृत अंगदान से जुड़े जटिल लेकिन बेहद महत्वपूर्ण कौशल सिखाना था।
शव पर अभ्यास कर सीखा जीवन बचाने का तरीका
अब तक डॉक्टरों को मृत अंगदान की तकनीकें केवल सैद्धांतिक रूप से या लाइव सर्जरी के दौरान ही सीखने को मिलती थीं, लेकिन इस वर्कशॉप में शव पर अभ्यास कर प्रत्यारोपण तकनीक का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। PGIMER चंडीगढ़ के रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने GMC पटियाला, मणिपाल अस्पताल, पार्क अस्पताल और मैक्स अस्पताल मोहाली के सर्जनों को इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. आशीष शर्मा और प्रो. दीपेश केनवार ने किया, जबकि ROTTO PGIMER के नोडल अधिकारी डॉ. विपिन कौशल और SOTTO पंजाब की नोडल अधिकारी डॉ. गगनीन कौर संधू ने इसका समन्वय किया। GMC पटियाला के निदेशक प्रिंसिपल एवं SOTTO पंजाब के चेयरपर्सन डॉ. राजन सिंगला ने इस पहल को पंजाब के लिए क्रांतिकारी कदम बताया।
पंजाब में बढ़ेगा मृत अंगदान, सरकारी अस्पतालों में मजबूत होंगी ट्रांसप्लांट सेवाएं
विशेषज्ञों ने जोर दिया कि यदि लोग मृत अंगदान को लेकर जागरूक हों, तो अनगिनत जिंदगियों को नया जीवन मिल सकता है। वर्कशॉप का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण सेवाओं को मजबूत करना और पंजाब को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।
मौत के बाद भी कर सकते हैं किसी की जिंदगी रोशन!
कार्यशाला के अंत में डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने एकजुट होकर अंगदान जागरूकता बढ़ाने और इसे एक सामाजिक आंदोलन बनाने का संकल्प लिया।