PGI Research : कहीं सेहत पर भारी ना पड़ जाए नेल पॉलिश, पल्स ऑक्सीमीटर यूज करते हैं तो हो जाए सतर्क
विवेक शर्मा/चंडीगढ़ , 22 मार्च
Side Effect Of Nail Polish : अगर आप खूबसूरत दिखने के लिए नेल पॉलिश लगाते हैं, तो जरा संभल जाइए! आपकी स्टाइल स्टेटमेंट इमरजेंसी में मुश्किल खड़ी कर सकती है। PGIMER, चंडीगढ़ के डॉक्टरों की स्टडी में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि काले, नीले और भूरे रंग की नेल पॉलिश पल्स ऑक्सीमीटर की सटीकता को प्रभावित कर सकती है। इससे मरीज की स्थिति का गलत आकलन हो सकता है और जरूरी इलाज में देरी हो सकती है।
PGI के डॉक्टरों की रिसर्च में क्या निकला?
PGI के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञों ने 117 शोध पत्रों की समीक्षा के बाद पाया कि गहरे रंग की नेल पॉलिश से ऑक्सीमीटर की रीडिंग गलत हो सकती है। खासतौर पर इमरजेंसी में यह स्थिति मरीज और डॉक्टर, दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
इस रिसर्च को PGI के इन डॉक्टरों ने अंजाम दिया:
डॉ. अशुतोष एन. अग्रवाल, डॉ. रितेश अग्रवाल, डॉ. सहजल धूरिया, डॉ. कुरुस्वामी टी. प्रसाद, डॉ. इंदरपॉल एस. सहगल, डॉ. वेल्लैयप्पन मुथु
अगर इमरजेंसी में ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग दे, तो क्या करें?
डॉक्टरों ने इस समस्या से बचने के लिए तीन उपाय सुझाए हैं:
-कान की लौ से मापें – नाखूनों की बजाय कान की लौ से SpO2 मापने पर अधिक सटीक परिणाम मिलते हैं।
-बिना नेल पॉलिश वाली उंगली चुनें – अगर संभव हो, तो किसी दूसरी उंगली या पैर के नाखून का उपयोग करें।
-जरूरत पड़ने पर नेल पॉलिश हटाएं – अगर मरीज की हालत गंभीर है और कोई विकल्प नहीं है, तो नेल पॉलिश हटाकर रीडिंग ली जाए।
छोटी-सी गलती, बड़ी मुश्किल!
डॉक्टरों का कहना है कि अगर कोई नियमित रूप से पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग करता है, तो बेहतर होगा कि नेल पॉलिश हटाकर ही ऑक्सीजन स्तर मापा जाए, खासतौर पर अस्पतालों में मरीजों और डॉक्टरों को इस पर ध्यान देना चाहिए, ताकि इमरजेंसी में गलतफहमी से बचा जा सके।
अब ऑक्सीमीटर से पहले नाखूनों पर डालें नजर!
तो अगली बार जब आप अपने ऑक्सीजन स्तर की जांच करने जाएं, तो पहले अपने नाखूनों को भी जांच लें। कहीं ऐसा न हो कि आपकी खूबसूरती का यह छोटा सा फैशन आपकी सेहत के लिए बड़ी मुश्किल बन जाए!