अब केंद्रीय योजनाओं का पैसा खर्च नहीं कर पाएगी सुक्खू सरकार
शिमला, 3 अप्रैल(हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार अब केंद्रीय योजना का पैसा न तो अपने खजाने में डाल सकेगी और न ही अपने स्तर पर खर्च कर पाएगी। केंद्र प्रायोजित योजनाओं का बजट अब सीधे विभागों के खाते में आएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने एसएनए-स्पर्श यानी समायोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण योजना शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश ने 28 में से 11 योजनाएं इसमें शामिल कर दी हैं। केंद्र ने हिमाचल को पहले चरण में पांच योजनाएं शामिल करने के लिए कहा था। हिमाचल ने पहले चरण में आठ व दूसरे चरण में तीन और योजनाओं को इससे सफलतापूर्वक जोड़ दिया है।
केंद्र सरकार की ओर से स्पर्श से केंद्रीय योजनाएं जोड़ने पर राज्यों को प्रोत्साहन धनराशि देने का निर्णय था। प्रोत्साहन के तहत पांच योजनाएं जोड़ने पर 250 करोड़ दिए जाने का प्रावधान किया गया था। प्रदेश सरकार ने पांच योजनाओं के बदले आठ योजनाएं जोड़ दीं। उसके बाद तीन अन्य योजनाओं को भी शामिल किया। प्रदेश सरकार कुल 11 योजनाओं को स्पर्श से जोड़ चुकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार को केंद्र से प्रोत्साहन के तौर पर 400 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। वित्त विभाग ने निर्धारित समयावधि के भीतर सभी ग्यारह योजनाएं स्पर्श से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की। उसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्रालय को इस साल 30 जनवरी व 24 मार्च को पत्र लिखा गया। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार की ओर से लिखे गए पत्र में अवगत करवाया गया है कि हिमाचल सरकार ने निर्धारित समयावधि में स्पर्श के तहत ला दिया है। ऐसे में राज्य को प्रोत्साहन के 400 करोड़ प्रदान किए जाएं।
हिमाचल ने जिन 11 योजनाओं को स्पर्श से जोड़ा है उनमें प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, प्रधानमंत्री लघु खाद्य प्रसंस्करण, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, शक्ति सदन सखी निवास पालना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वस्थ आधारभूत ढांचागत मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि उन्नति योजना, जीवन रक्षक एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, संबल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पुलिस महिला हेल्पलाइन और प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान शामिल हैं।