कलानौर नपा चेयरमैन निर्मला देवी ने ओम प्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में संभाला पदभार
रोहतक, 27 मार्च (हप्र) : कलानौर नगरपालिका की नवनिर्वाचित चेयरमैन निर्मला देवी ने ओम प्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में को पदभार संभाल लिया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ विशेष तौर पर मौजूद रहे। धनखड़ ने निर्मला देवी को चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाया और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन की सरकार कलानौर का तेजी से विकास करेगी। जनता ने निकाय चुनाव में भाजपा को जिताकर इतिहास रच दिया। कांग्रेस पूरी तरह साफ हो गई है।
निर्मला देवी की अगुवाई में होगा विकास : ओम प्रकाश धनखड़
धनखड़ ने कहा कि निर्मला देवी की अगुवाई में नगरपालिका तीन गुना तेजी से काम करेगी। कांग्रेस का जनाधार लगातार सिकुड़ रहा है। पार्टी में अब सिर्फ कुछ लोग ही एक परिवार की पैरवी कर रहे हैं। कांग्रेस का नेतृत्व कमजोर हो चुका है। वे अब तक विधानसभा में विपक्ष का नेता भी नहीं चुन पाए हैं।
भाजपा ही कर सकती है लोकतंत्र की रक्षा : ओम प्रकाश धनखड़
उन्होंने कहा कि भाजपा ही लोकतंत्र में जनता का सम्मान और गरीब कल्याण के कार्य कर सकती है। सभी को साथ लेकर कलानौर की शहरी सरकार चलेगी। राष्ट्रीय सचिव धनखड़ ने कहा कि सभी पार्षद निष्पक्ष भाव से जनता के लिए काम करें।
इस मौके पर भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय बंसल, प्रदेश सचिव रेनू डाबला, नगर निगम के मेयर रामअवतार वाल्मीकि, जिला अध्यक्ष रणवीर ढाका, चेयरपर्सन के पति व पार्षद राजू फौजी, संदीप बुधवार, रमेश चेची, मंडल अध्यक्ष कुलदीप कौशिक, प्राण नाथ, गुलशन दुआ, अलका जुनेजा, सीताराम राठी, राकेश पांचाल, पंकू राणा, संजय पुनियानी, पार्षद हरप्रीत सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बिना चुनाव चिन्ह लड़े ही भाजपा ने बनाई मजबूत पकड़
कलानौर में हमेशा कांग्रेस का दबदबा रहा है। यहां से अधिकतर विधायक और नगरपालिका चेयरमैन कांग्रेस के ही बनते आए हैं। मौजूदा विधायक शकुंतला खटक भी कांग्रेस से हैं। लेकिन भाजपा ने निकाय चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। पार्टी ने बिना चुनाव चिन्ह के समर्थकों को मैदान में उतारा। कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं आया। इसके बावजूद अधिकतर भाजपा समर्थक चुनाव जीत गए।
अब नगरपालिका चेयरमैन और ज्यादातर पार्षद भाजपा से जुड़े हैं। इससे साफ है कि कलानौर नगरपालिका पर भाजपा का कब्जा हो गया है। दूसरी ओर, कांग्रेस का जनाधार लगातार घट रहा है। इसका नुकसान आने वाले चुनाव में कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है।