Jind Suicide Case : जींद के एक परिवार ने डीसी से मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत , परिवार के एक लड़के ने कर ली थी आत्महत्या
जसमेर मलिक/जींद,25 मार्च (हमारे प्रतिनिधि)
Jind Suicide Case : उपायुक्त द्वारा लगाए जा रहे समाधान शिविर में मंगलवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब जींद की शिवपुरी कॉलोनी के एक परिवार ने समाधान शिविर में अर्जी लगाकर डीसी से इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी। इस मामले में पीड़ित परिवार जिला पुलिस की जांच की कार्रवाई से नाराज है और पिछले 6 महीने में कोई कार्रवाई नहीं होने से परेशान है।
बता दें कि 30 सितंबर 2024 को शिवपुरी कॉलोनी के मोहित ने फाइनेंसरों से तंग आकर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में मोहित के भाई सुरेंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि मोहित ने वीटा बूथ लिया हुआ था और साथ में कबाड़ी का भी काम करता था। वर्ष 2022 में अमित के नाम का लड़का (सीनू) पैदा हुआ था। पैदा होते ही लड़का सीनू बीमार रहने लगा।
परिवार ने बताया कि सीनू को अस्पतालों में दिखाया लेकिन डाक्टरों से इलाज नहीं हुआ। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए हिसार से इलाज करवाने की सलाह दी। फिर सीनू लड़के को हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। अस्पताल का खर्चा बहुत ज्यादा था। उसके भाई मोहित ने शिलो नाम की महिला, जो जींद के जुलानी रोड पर रहती है, से 8 लाख रुपए अलग- अलक तारीखों में 10 रुपए प्रति सैकड़ा ब्याज के हिसाब से उठा लिए।
शिलो के पैसे लौटाने के लिए मोहित ने अलग-अलग लोन वाली कम्पनियों से पैसे उठाए। फिर लोन वाली कम्पनियों की किस्तें चुकाने के लिए मोहित ने वर्ष 2024 में अलग-अलग फाइनैंसरों से पैसे उठाए। 30 सितंबर शाम को करीब 5 बजे सतीश नाम का फाइनैंसर मोहित के वीटा बूथ पर आया और अपनी किस्त मांगी तो मोहित ने किस्त के पैसे देने के लिए कुछ समय और मांगा। सतीश ने समय देने से साफ मना कर दिया और पैसे जल्दी लौटाने की धमकी दी।
फिर सतीश व मोहित दोनों घर पर आ गए और घर आते ही उनके पिता रामकुमार के सामने ही फाइनैंसर सतीश व मोहित की आपस में कहासुनी हो गई। फाइनैंसर सतीश धमकी देने लगा कि उसे किस्त चाहिए वरना वह घर से नहीं जाएगा। मोहित ने बेइज्जती महसूस कर दुकान में जाकर पंखे में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
मोहित की जेब को चैक किया तो उसमें सुसाइड नोट मिला, जिसमें मोहित ने अपनी मौत के जिम्मेवार परवेश सरोहा, शिलो (संगतपुरा), उज्जीवन कंपनी के अनिकेत, श्री श्याम प्रोपर्टी के सचिन गोलू, सतीश, सुनील लाठर, अमित शाहपुर, पाला नर्सी को बताया है।
पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन 6 महीने बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़ितों की मानें तो जांच अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और वह पीड़ितों को ही कह रहे हैं कि पुणे फाइनेंसरों के पैसे देने हैं वह पैसे दे दें।
जांच जारी है : मनीष कुमार
इस मामले में जब थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर मनीष कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है और जांच पूरी होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगा।