Haryana Vidhansabha : हिमाचल में नशे के सौदागरों की खैर नहीं... नया कानून लाने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश
ज्ञान ठाकुर/शिमला, 26 मार्च
Haryana Vidhansabha : देवभूमि हिमाचल में अब नशे के सौदागरों की खैर नहीं। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में ड्रग माफिया पर नकेल कसने और नशे की बीमारी को हमेशा के लिए खत्म करने की मकसद से बुधवार को विधानसभा में नया कानून लाने के लिए विधेयक पेश किया।
मुख्यमंत्री द्वारा सदन में पेश किए गए इस विधेयक में नशे के सौदागरों को न केवल आजीवन कारावास का प्रावधान है बल्कि उन्हें मृत्युदंड का भी इस नए कानून में प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण विधेयक सदन में पेश किया । विधेयक के पारित होने के बाद सूबे में नशे के सौदागरों को न सिर्फ आजीवन कारावास, बल्कि मृत्यु दंड की सजा भी हो सकती है। इसके साथ साथ 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान भी कानून में किया गया है।
आपराधिक सिंडिकेट पर नकेल कसने के मकसद से सरकार इसके खिलाफ कठोर दंड सुनिश्चित करने के मकसद से कानून बना रही है। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक ऐसी निषिद्ध दवाओं जिनसे से नशे की लत लग सकती है के परिवहन, आपूर्ति तथा इन्हें रखने की स्थिति पकड़े जाने पर उक्त कानून के प्रावधानों के मुताबिक सजा मिलेगी।
इसके अलावा अवैध खनन, वन्य जीवों की तस्करी, मानव तस्करी, झूठे दस्तावेजों के साथ कोई काम करना, मानव अंगों की तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग तथा बौद्धिक वस्तुओं की जालसाजी के मामले में भी हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण कानून के प्रावधानों के तहत सजा मिलेगी।
विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य अथवा सिंडिकेट द्वारा हिंसा करने पर किसी की मृत्यु होने पर आजीवन कारावास अथवा मृत्यु दंड हो सकेगा। सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा नशे अथवा अन्य अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति की कुर्की होगी। सरकार इस संपत्ति को जब्त कर सकती है। कुर्की के लिए संबधित मज्सिट्रेटच को 14 दिन का नोटिस देना होगा। अपराधों के प्रवृत्ति के मुताबिक सजा 6 माह, एक साल, दो साल अथवा दस साल तक हो सकती है। विधान सभा में अभी इस बिल पर चर्चा होनी है।
विधेयक में प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू अथवा अन्य नशीली दवाइयां या पदार्थ बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। पहले हिमाचल में शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में ही इस तरह के पदार्थ बेचने पर प्रतिबंध था।चर्चा के बाद विधेयक पारित होगा। विधेयक के राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।