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Haryana जिस प्रॉपर्टी सर्वे पर हुआ था बवाल, अब उसी को मिली केंद्र की शाबाशी

01:31 PM Mar 16, 2025 IST
हरियाणा को मिलेगा ईटी गवर्नमेंट अवार्ड, 150 करोड़ की ग्रांट भी स्वीकृत
पब्लिक फाइनेंस स्टेट डिविजन ब्रांच ने किया अवार्ड के लिए चयन

दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 16 मार्च
हरियाणा में जिस प्रॉपर्टी सर्वे को लेकर विपक्ष ने घोटाले के आरोप लगाए थे और सरकार को एग्रीमेंट तक रद्द करना पड़ा था, उसी सर्वे को अब केंद्र सरकार से मान्यता और सराहना मिली है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पब्लिक फाइनेंस स्टेट डिविजन ब्रांच ने हरियाणा सरकार को 150 करोड़ रुपये की ग्रांट मंजूर की है। इसके अलावा, राज्य को ईटी गवर्नमेंट डिजीटेक अवार्ड-2025 से भी नवाजा जाएगा।

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राजनीति के केंद्र में था प्रॉपर्टी सर्वे

हरियाणा में प्रॉपर्टी सर्वे की शुरुआत पूर्व की मनोहर सरकार ने की थी। इस दौरान जयपुर की याशी कंपनी को शहरों में प्रॉपर्टी आईडी सर्वे का काम सौंपा गया। लेकिन जैसे ही सरकार ने इस सर्वे को जमीन की रजिस्ट्री से जोड़ दिया, विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। घोटाले के आरोप लगे और भारी विरोध के चलते सरकार को कंपनी के साथ एग्रीमेंट रद्द करना पड़ा।

32 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जो कंपनी को देनी थी, उसे भी शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने रोक लिया। हालांकि, विवाद के बावजूद सरकार प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से टैक्स सुधार की दिशा में आगे बढ़ती रही और अब इसी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।

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बढ़ गई 20 लाख से अधिक प्रॉपर्टी, टैक्स में हुआ इजाफा

इस प्रॉपर्टी सर्वे का असर यह हुआ कि सरकारी रिकॉर्ड में पहले महज 26 लाख प्रॉपर्टी दर्ज थीं, जो अब बढ़कर 46 लाख से अधिक हो गई हैं। इससे पहले निकायों को सालाना 360 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स मिलता था, जो बढ़कर 535 करोड़ रुपये हो गया है।

18 मार्च को मिलेगा राष्ट्रीय अवार्ड

हरियाणा के शहरी निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता 18 मार्च को नई दिल्ली में यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करेंगे। गोल्ड मेडल के रूप में दिया जाने वाला यह सम्मान जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे प्रोजेक्ट को उत्कृष्ट भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग के लिए प्रदान किया जा रहा है।

केंद्र से मिली स्वीकृति के मायने

इस ग्रांट और पुरस्कार के बाद प्रॉपर्टी सर्वे की वैधानिकता पर केंद्र की मुहर लग गई है। यह सर्वे राज्य की आधारभूत संरचना को मजबूत करने, टैक्स कलेक्शन सुधारने और नगर निकायों की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाने में मदद करेगा। विपक्ष ने भले ही इसे घोटाला करार दिया हो, लेकिन अब केंद्र सरकार की स्वीकृति और आर्थिक मदद से हरियाणा सरकार की इस योजना को एक नई ताकत मिली है।

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