Haryana Budget : जब हुड्डा ने विज को बताया नजर बट्टू... विधानसभा में खूब चली शेरो-शायरी, एक-दूसरे पर ली गई चुटकियां
दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 मार्च।
हरियाणा की नायब सरकार का पहला वार्षिक बजट बृहस्पतिवार को ध्वनिमत के साथ पास हो गया। 17 मार्च को वित्त मंत्री के नाते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025-25 के लिए 2 लाख 5 हजार करोड़ से अधिक का बट पेश किया था। सीएम ने साढ़े तीन घंटे से अधिक के रिप्लाई में विपक्ष के हर विधायक द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया। इस दौरान शेरो-शायरी, किस्से, चुटकले व कहानियां भी सुनाई गईं। सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच कई मुद्दों व आंकड़ों पर बहस भी हुई।
परिवहन मंत्री अनिज विज के साथ भी हुड्डा की बहस हुई। अहम बात यह है कि राज्यपाल अभिभाषण पर सीएम के रिप्लाई के दौरान विपक्ष विरोध में सदन छोड़ गया था। वहीं अब बजट पर मुख्यमंत्री के रिप्लाई में विपक्ष डटा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों का जिक्र भी चला। सीएम जब जवाब दे रहे थे तो हुड्डा ने चुटकी लेते हुए विज की ओर इशारा किया और कहा- गुरु गुड़ और चेला शक्कर हो गया। उनका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लेकर ही था।
दरअसल, सीएम ने कहा था कि मनोहर लाल ने पूरे प्रदेश की तस्वीर बदल दी। हुड्डा ने सीएम को कहा- अपने गुरु (मनोहर लाल) की सारी बात मानना, नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी। इस चुटकी पर परिवहन मंत्री विज ने हुड्डा पर हमला बोला और कहा – मेरी आवाज बहुत तेज है। इसका श्रेय भी हुड्डा साहब को जाता है। चूंकि जब मैं विपक्ष में था और वे सत्ता में थे तेा मेरा माइक बंद करके रखा जाता था। इसलिए मेरी आवाज बुलंद हो गई।
नायब सैनी ने विपक्ष पर शायराना अंदाज में हमला बोलते हुए कहा- आइना जब भी उठाया करो, पहले खुद देखा करो फिर दिखाया करो। हुड्डा इस पर उठे और कुल कहने लगे तो विज ने विरोध करते हुए स्पीकर से कहा- ये रनिंग कमेंट्री क्यों कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि अब ये भागने की तैयारी में हैं। विधायक कुलदीप वत्स ने इस पर नाराजगी जताई। वहीं हुड्डा ने चुटकी लेते हुए विज को नजर बट्टू बताया। इस पर विज ने हुड्डा की ओर इशारा करते हुए कहा - 'मुझसे मत खेल मैं आग हूं, मैं फैल गया तो तू भाग भी न पाएगा'।
इसी बीच नायब सैनी ने बजट पर विपक्ष के सवालों और नसीहत पर कटाक्ष करते हुए फिर से शेर दागते हुए कहा- जिनकी सियासत में बस दावे रहे हैं, आज वे हमें नसीहत सुनाने लगे हैं। जो खुद चलते रहे भटकी हुई राह पर, आज हमें रास्ता दिखाने लगे हैं। हुड्डा ने इस शेर का भी शायराना तरीके से अंदाज दिया। हुड्डा ने कहा- 'एक उम्र से यही रिवायत रही है, एक दूसरे को कसूरवार ठहराते रहे हैं'।
घी-बूरा का किस्सा भी सुनाया
बीच-बीच में नायब सैनी कांग्रेस पर विपक्ष का नेता नहीं बनाने को लेकर भी चुटकी लेते रहे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा- मैं तो आपको (हुड्डा) ही विपक्ष का नेता मानता हूं। हुड्डा समर्थक विधायकों ने इस पर हामी भी भरी। सास और जमाई का एक किस्सा भी नायब ने सदन में सुनाया। कहने लगे - एक छोरा ससुराल गया। सास ने रोटी और बूरा रख दिया। बूरा में घी डालना भूल गई।
सासू बोली कि गर्मी हो रही है, पंखे से हवा कर दूं। छोरा बोला- थोड़ा सा बूरा है, यह भी उड़ जाएगा। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया तो मुख्यमंत्री ने यह कहकर मामला शांत किया कि यह आपके ऊपर नहीं है। विपक्षी समझने लगे कि पॉजिटिव माहौल में भी सरकार नहीं बनी और अब सीएम ने इसी पर चुटकी ली है कि आगे यह स्थिति भी नहीं रहेगी।
जब सीएम ने सुनाई गिलहरी-बंदर की कहानी
एक कहानी सुनाते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा- एक बार एक पेड़ पर गिलहरी चढ़ रही थी। वहां बंदर भी बैठा था। बंदर ने गिलहरी से पूछा कि यहां क्यों आ रही है। गिलहरी बोली कि मैं सेब खाऊंगी। बंदर ने कहा कि यह पेड़ तो आम का है तो गिलहरी ने कहा तू ज्यादा चौधरी ना बन। मैं सेब अपने साथ लेकर आई हूं। इस पर हुड्डा ने भी एक कहानी सुनाते हुए कि जंगल में न्याय नहीं कर पाने वाले शेर की तरह आप अच्छी भागदौड़ कर रहे हो। इस पर खूब ठहाके लगे।