Haryana Budget : बिजली के बकाया बिलों के निपटान के लिए बनेगी नई योजना, CM ने विधानसभा में दिए संकेत
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 मार्च।
Haryana Budget : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जो गांव अभी तक भी ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना में शामिल नहीं हैं, उन गांवों के लिए नई योजना बनेगी। वर्तमान में 5800 के लगभग गांवों में इस योजना के तहत 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। इस योजना के तहत बिजली के बकाया बिलों का भुगतान अनिवार्य है। सीएम ने विधानसभा में संकेत दिए कि बाकी गांवों को भी योजना में लाने के लिए बकाया बिलों के निपटान की योजना लाई जा सकती है।
विधानसभा में आज सीएम नायब सैनी द्वारा बजट प्रस्तावों पर आपत्तियों का जवाब देने के बाद सदन ने बजट प्रस्ताव मंजूर कर दिया। नया बजट पहली अप्रैल से लागू हो जाएगा। नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़ ने बिजली विभाग पर गरीब लोगों के घरों में लाखों रुपये के बिल भेजने का मामला भी उठाया। सीएम ने कहा कि नारनौंद हलके में 55 गांव हैं। इनमें से एक भी गांव ‘म्हारा गांव जगमग गांव’ योजना में शामिल नहीं है। इन गांवों के लोगों ने अपनी बकाया बिजली बिल राशि जमा नहीं करवाई।
इनकी 388 करोड़ 37 लाख रुपये की बिजली बिल की राशि बकाया है। अगर विधायक लोगों को बकाया बिल भरने के लिए प्रेरित करें तो हम इन बकाया बिजली बिलों के लिए एक स्कीम लेकर आएंगे और लोगों को उसमें छूट देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक बिजली बिलों में खामियों की बात है तो कुछ मामलों में मीटर खराब हो जाते हैं और उसकी रिपोर्ट बिजली दफ्तर में नहीं की जाती।
मदनहेड़ी गांव के दो बिजली उपभोक्ताओं का मामला विशेष रूप से विधायक ने उठाया। उन दोनों का मीटर खराब होने के कारण बिल औसत आधार पर बनाया गया। बिल की दोबारा गणना की गई और अब सात साल चार महीने का इनका औसत मासिक बिल 1255 रुपए आया। दूसरे का गलत मीटर रीडिंग के कारण अधिक बिल बन गया था। जांच उपरांत अब यह 11 साल आठ महीने का औसत मासिक बिल 827 रुपये आया है।
डेरों में बिजली की लाइन लगाने का मुद्दा विधायक अर्जुन चौटाला ने उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेरों व ढाणियों में बिजली लाइन लगाने का आधा खर्च पहले ही सरकार द्वारा उठाया जा रहा है। ढाणियों में नए कनेक्शन के लिए, जहां लाइन की लंबाई 300 मीटर से अधिक है, लाइन की लागत का 50 प्रतिशत और ट्रांसफार्मर की पूरी लागत निगम द्वारा वहन की जाती है।
जीएसटी काउंसिल में जाएगी सरकार
कृषि उपकरणों पर टैक्स की दरों को कम करवाने का जिक्र भी मुख्यमंत्री ने सदन में किया। उन्होंने कहा कि इस बाबत सरकार जीएसटी काउंसिल में जाएगी ताकि किसानों को राहत मिल सके। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री इससे पहले भी इस बारे में बात कह चुके हैं। सरकार की ओर से इस संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा गया है।
बीपीएल में गलत नाम तो एक माह में कटवाएं
विपक्ष ने प्रति व्यक्ति आय बढ़ने के बाद भी बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ने पर सवाल उठाए। सीएम ने इसके लिए विपक्ष पर ठीकरा फोड़ा। सीएम ने कहा कि अगर पीपीपी में किसी ने गलत आय दर्शाकर कार्ड बनवा लिए हैं तो उन्हें एक महीने का समय दिया है। इस अवधि में खुद अपना नाम कटवा लें या फिर सरकार उन्हें बाहर करेगी।
सभी घोषणाएं होंगी धरातल पर
विपक्ष ने बजट में की गई घोषणाओं पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस ने कहा कि मेडिकल कॉलेज सहित दूसरी योजनाओं को बिना पैसे कैसे सिरे चढ़ाएंगे। इस पर सीएम ने कहा – मैं वचन देता हूं कि बजट में जितनी घोषणाएं की गई हैं, उन सभी इसी बजट से धरातल पर सिरे चढ़ाएंगे। विपक्ष को इस पर किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
जनता ने दे दिया जवाब
कांग्रेस विधायकों द्वारा प्रदेश की आर्थिक स्थिति और कर्ज पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की गई। इस पर सीएम ने कहा कि सभी दस्तावेज सार्वजनिक हैं तो व्हाइट-पेपर की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये (कांग्रेसी) तो हमारे से हिसाब मांग रहे थे और प्रदेश की जनता ने इनका हिसाब कर दिया। उनका इशारा विस चुनावों की ओर था।
जहां मिलेगी जमीन, वहां बनेगी आईएमटी
प्रदेश में खरखौदा की तर्ज पर दस शहरों में आईएमटी बनाने का फैसला सरकार ने लिया है। सीएम ने कहा कि सरकार ने लैंड पॉलिसी बनाई है। इसके तहत जहां भी जमीन मिलेगी, वहां आईएमटी बनाई जाएगी। लाडवा अनाज मंडी में एमएसपी से कम पर सरसों खरीद के आरोपों पर सीएम ने कहा कि इसकी जांच करवाई जाएगी।